हरिद्वार। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि निजी स्कूल हमारी शिक्षण व्यवस्था के अंग है। निजी स्कूलों को लुटेरा साबित करके राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई खास सुधार नहीं कर सकती है। एक संयमित सुविचारित नीति निजी स्कूलों के संबंध में दी जानी चाहिये। इस नीति में निजी स्कूलों संचालकों की राय ली जानी चाहिये, तभी शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखंड प्रदेशों में सबसे आगे बढ़ सकता है। उत्तराखंड को शिक्षा के हब के रुप में स्थापित करना चाहिये।
रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। इस दौरान पत्रकारों ने निजी स्कूलों के संबंध में बनाई जा रही शिक्षण नीति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से सवाल किया। इस सवाल का जबाव देते हुये हरीश रावत ने कहा कि निजी स्कूल हमारी शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का कार्य करते है। हमारी सरकार के दौरान हमने निजी स्कूलों के साथ मिलकर एक बिल तैयार किया था। फिर ये विचार करके कि शिक्षा के क्षेत्र में नई पूंजी चाहिये और कुछ क्षेत्रों को शिक्षा के हब के रुप में विकसित करना चाहते थे। लेकिन हमने उस विधेयक को आगे किसी दिन के लिये रख छोड़ा था। वक्त आने पर उस बिल पर विचार कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यदि वर्तमान सरकार निजी स्कूलों के संबंध में कोई कानून बनाना चाहती है तो निजी स्कूलों की राय मशविरा करके राज्य हित में उसको तैयार करे, ताकि राज्य शिक्षा के क्षेत्र में एक हब के रुप में स्थापित हो सके।
निजी स्कूलों को लुटेरा साबित करके राज्य सरकार नहीं बनाये कोई कानून: हरदा



