नवीन चौहान
उत्तराखंड के सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले को उजागर करने वाले आईटीआई कार्यकर्ता पंकज लांबा की संदिग्ध परिस्थिति में मौत की गुत्थी पुलिस ने सुलझा दी है। पंकज लांबा की मौत गोली लगने से हुई थी। हालांकि ये एक महज हादसा था, लेकिन पुलिस ने इस हत्याकांड को गैर इरादतन हत्या की धाराओं में बदलकर दो नाबालिक बहनों सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना रानीपुर कोतवाली क्षेत्र की है। कोतवाली प्रभारी योगेश देव ने बताया कि पुलिस ने पंकज लांबा की पत्नी ज्योति लांबा की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन विवेचना के दौरान पूरा मामला साफ हो गया। घटना की रात पंकज लांबा दोस्त कासिम के साथ उनके प्लाट पर गया था, जहां उसने पार्टी करने का प्रोग्राम बनाया। पंकज को इस दौरान नाबालिंग परिचित मिला और इन्होंने पार्टी की तैयारी शुरू कर ली। जहां कमरे में दो नाबालिंग लड़कियां भी मौजूद थी। रात्रि में शराब पार्टी शुरू हो गई। इसी दौरान एक लड़की ने पंकज लांबा से उसकी लाइसेंसी पिस्टल मांग ली। पंकज लांबा ने अपनी पिस्टल खाली करके लड़की को दे दी, लेकिन पिस्टल के चैंबर में एक गोली फंसी हुई थी। जैसे ही लड़की ने ट्रेगर दबाया तो गोली चल गई और पंकज के गले में जा लगी। जिससे उसकी मौत हो गई। पूरा मामला गैर इरादतन हत्या का है। पुलिस ने दो नाबालिंग बहनों सहित आरोपी किशोर व कासिम को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया है।
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