नवीन चौहान
अपर सचिव चिकित्सा सी रविशंकर ने जन्माष्टमी पर्व पर शांतिकुंज प्रांगण में पौधारोपण किया। इस दौरान उनके मां—पिता व बच्चों ने पौधे को खाद— पानी दिया। उन्होंने कहा कि प्रकृति के संरक्षण और संवद्धन की जरूरत है। मनुष्य के जीवन की सबसे बड़ी पूर्ति पेड़ पौधे ही आक्सीजन के रूप में करते है। उनके माता—पिता ने भी शांतिकुंज और देवसंस्कृति विश्वविद्यालय प्रांगण में पहुंचने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और परंपरा को बनाये रखने में शांतिकुंज संस्था महती भूमिका अदा कर रहा है। यहां के वातावरण में आनंद की अनुभूति होती है। मन को शांति को मिलती है।
शांतिकुंज परिसर में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पंडया ने कहा कि पेड़ों की तरह ही गायत्री मंत्र इंसान को नीचे से ऊपर की ओर जाने प्रेरणा देता है। उसी प्रकार पेड़ भी ऊपर की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करता है। व्यक्ति के जीवन में उन्नति हो, उत्थान हो, यश हो। ऊंचाईयों को छूने वाला व्यक्ति महापुरूष में बदल जाता है।
हरिद्वार के पूर्व जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि यहां का वातावरण बहुत ही प्रेरणादायक है। कोरोना की विषम परिस्थितियां सभी ने देखी। पूरी दुनिया अनिश्चितकाल में है। ऐसे में पेड़ पौधों को लगाने की गायत्री परिवार की मुहिम आने वाले वक्त में सभी के लिए आवश्यक हो जायेगा।
शांतिकुंज की परंपरा आने वाले दिनों में सभी के लिए जरूरी हो जायेगी। इस अवसर पर एक बेहद ही भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।