नवीन चौहान, हरिद्वार। आईपीएस अफसर डॉ सदानंद दाते खाकी की शान माने जाते है। चिकित्सा का पेशा छोड़कर जनता की सुरक्षा का संकल्प किया। इस कार्य को पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से निभा रहे है। अपने आचरण और व्यवहार से उत्तराखंड पुलिस के साथ-साथ राज्य की जनता का दिल भी जीत रहे है। फिलहाल उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में बतौर एसएसपी के तौर पर जनता की सुरक्षा व्यवस्था में जुटे हैं। अपनी अमिट कार्यशैली के चलते हरिद्वारवासियों ने 12 अक्टूबर उनके जन्मदिन के अवसर पर फेसबुक और व्हाट्सअप पर अपनी शुभकामनायें दी है।
साल 2007 बैंच के आईपीएस अफसर डॉ. सदानंद दाते मूल रुप से महाराष्ट के निवासी है। इनकी प्राथमिक शिक्षा महाराष्ट में हुई। जिसके बाद इन्होंने एमबीबीएस की शिक्षा ग्रहण की। चिकित्सक बनने के बाद डॉक्टरी शुरू कर दी। परिवार के लोग एमडी और एमएस करने का दबाव डाल रहे थे। लेकिन देश सेवा का जज्बा दिल में होने के चलते चिकित्सा के पेशे डॉ सदानंद दाते का मन नहीं रमा। इन्होंने साल 2007 में आईपीएस ज्वाइन कर लिया। आईपीएस की कठिन ट्रैनिंग करने के बाद उत्तराखंड राज्य में सेवा देने पहुंचे। डॉ सदानंद दाते को उत्तराखंड के नैनीताल, हरिद्वार, देहरादून के बाद उधमसिंह नगर के एसएसपी का चार्ज मिला। इस तमाम जनपदों में डॉ सदानंद दाते ने पुलिस की छवि को सुधारने का प्रयास किया। कांस्टेबलों से बातचीत करने में भी एक अलग सम्मान का भाव रखा। अपनी मधुरवाणी से पुलिस की एक अलग पहचान जनता के सामने रखी। उन्होंने जनता की सेवा और सुरक्षा के साथ-साथ समाजहित में नशा मुक्ति और पुलिस मार्डन पब्लिक स्कूलों को बेहतर बनाने की कवायद शुरू की। हरिद्वार के कार्यकाल में नशा मुक्ति को लेकर काफी कार्य किये गये। उनकी यही कार्यशैली हरिद्वार के नागरिको के दिल में एक अलग छाप छोड़ गई। आज उनके जन्मदिन के अवसर पर हरिद्वार की जनता उनको याद कर अपनी शुभकामनायें दे रही है।
उत्तराखंड की जान और खाकी की शान है डॉ सदानंद दाते



