नवीन चौहान
टैक्सी चालक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक बेकसूर को गंगनहर में फेंककर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद मृतक की बाइक, मोबाइल व अन्य सामान लूटकर फरार हो गए। लेकिन लापता जन किशन की तलाश में जुटी पुलिस ने फर्जी नंबर प्लेट पर चल रही बाइक चालक को पकड़ा तो हत्याकांड का खुलासा। पुलिस ने हत्याकांड को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने महज चंद पैंसों की खातिर एक नौजवान की हत्या कर दी थी।
एएसपी आयुष अग्रवाल ने रानीपुर कोतवाली में जयकिशन हत्याकांड का पर्दाफाश किया। एएसपी ने आयुष अग्रवाल ने बताया कि जय किशन हत्याकांड में आरोपी विपिन पुत्र फेरूसिंह 25 निवासी ग्राम खलवाड़ा, थाना जानसठ, जिला मुजफ्फरनगर यूपी हाल निवासी डेंसो चौक व मन्नू पाल पुत्र डॉ सतवीर निवासी रोशन प्रधान वाली गली रावली महदूद थाना सिडकुल हरिद्वार को गिरफ्तार कर लिया है।
घटनाक्रम के मुताबिक 10 मई को जय किशन संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। जिसके बाद परिजनों ने तलाश शुरू की। 28 मई को रानीपुर कोतवाली पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली गई। लेकिन जयकिशन का कोई पता नही चल पाया। 23 अगस्त को इस गुमुशुदगी को अपहरण में तरमीम कर विवेचना शुरू की गई। एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने अपहरणकर्ताओं को जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। एसएसपी के निर्देशों का अनुपालन करते हुए रानीपुर कोतवाली प्रभारी शंकर सिंह बिष्ट ने क्षेत्र में पुलिस बल को सघन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए। पुलिस बल वाहनों की चेकिंग कर रही थी तो डेंसो चौक के पास एक अपाचे बाइक की नंबर प्लेट से इंजन नंबर और चेसिस नंबर का मिलान नही हुआ। पुलिस को शक हुआ तो वह चालक व उसके पीछे सवार व्यक्ति को कोतवाली लेकर आ गई। पुलिस ने जब मिलान किया तो पता चला कि उक्त बाइक तो जयकिशन की है। जबकि जो नंबर प्लेट वाहन पर है वो मुन्ना नाम के व्यक्ति की है। जबकि बाइक को मन्नू पाल व विपिन चला रहे थे। दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई तो जय किशन मर्डर का पर्दाफाश हो गया। आरोपी मन्नू ने बताया कि 10 मई को बैरियर नंबर छह पर जय किशन व उसकी मुलाकात हुई। मन्नू ने अपने दोस्त विपिन को बुला लिया। पहले गन्ने का रस पीया। इसी दौरान योजना बनाई कि जयकिशन को शराब पिलाकर उसको नहर में धक्का दे देंगे। योजना के मुताबिक वैसा ही किया और जयकिशन की हत्या कर फरार हो गए। बाइक को नंबर प्लेट बदलकर चलाने लगे।
आरोपियो को पकड़ने वाली पुलिस टीम
इंस्पेक्टर शंकर सिंह बिष्ट, एसएसआई राकेश कुमार,, उप निरीक्षक सत्येंद्र नेगी, विकास रावत, कांस्टेबल कुलदीप डिमरी, गोपीचंद्र,रवि चौहान,जितेंद्र राणा
टैक्सी चालक ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक बेकसूर को गंगनहर में फेंककर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद मृतक की बाइक, मोबाइल व अन्य सामान लूटकर फरार हो गए। लेकिन लापता जन किशन की तलाश में जुटी पुलिस ने फर्जी नंबर प्लेट पर चल रही बाइक चालक को पकड़ा तो हत्याकांड का खुलासा। पुलिस ने हत्याकांड को अंजाम देने वाले दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने महज चंद पैंसों की खातिर एक नौजवान की हत्या कर दी थी।
एएसपी आयुष अग्रवाल ने रानीपुर कोतवाली में जयकिशन हत्याकांड का पर्दाफाश किया। एएसपी ने आयुष अग्रवाल ने बताया कि जय किशन हत्याकांड में आरोपी विपिन पुत्र फेरूसिंह 25 निवासी ग्राम खलवाड़ा, थाना जानसठ, जिला मुजफ्फरनगर यूपी हाल निवासी डेंसो चौक व मन्नू पाल पुत्र डॉ सतवीर निवासी रोशन प्रधान वाली गली रावली महदूद थाना सिडकुल हरिद्वार को गिरफ्तार कर लिया है।
घटनाक्रम के मुताबिक 10 मई को जय किशन संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। जिसके बाद परिजनों ने तलाश शुरू की। 28 मई को रानीपुर कोतवाली पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली गई। लेकिन जयकिशन का कोई पता नही चल पाया। 23 अगस्त को इस गुमुशुदगी को अपहरण में तरमीम कर विवेचना शुरू की गई। एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने अपहरणकर्ताओं को जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। एसएसपी के निर्देशों का अनुपालन करते हुए रानीपुर कोतवाली प्रभारी शंकर सिंह बिष्ट ने क्षेत्र में पुलिस बल को सघन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए। पुलिस बल वाहनों की चेकिंग कर रही थी तो डेंसो चौक के पास एक अपाचे बाइक की नंबर प्लेट से इंजन नंबर और चेसिस नंबर का मिलान नही हुआ। पुलिस को शक हुआ तो वह चालक व उसके पीछे सवार व्यक्ति को कोतवाली लेकर आ गई। पुलिस ने जब मिलान किया तो पता चला कि उक्त बाइक तो जयकिशन की है। जबकि जो नंबर प्लेट वाहन पर है वो मुन्ना नाम के व्यक्ति की है। जबकि बाइक को मन्नू पाल व विपिन चला रहे थे। दोनों से सख्ती से पूछताछ की गई तो जय किशन मर्डर का पर्दाफाश हो गया। आरोपी मन्नू ने बताया कि 10 मई को बैरियर नंबर छह पर जय किशन व उसकी मुलाकात हुई। मन्नू ने अपने दोस्त विपिन को बुला लिया। पहले गन्ने का रस पीया। इसी दौरान योजना बनाई कि जयकिशन को शराब पिलाकर उसको नहर में धक्का दे देंगे। योजना के मुताबिक वैसा ही किया और जयकिशन की हत्या कर फरार हो गए। बाइक को नंबर प्लेट बदलकर चलाने लगे।
आरोपियो को पकड़ने वाली पुलिस टीम
इंस्पेक्टर शंकर सिंह बिष्ट, एसएसआई राकेश कुमार,, उप निरीक्षक सत्येंद्र नेगी, विकास रावत, कांस्टेबल कुलदीप डिमरी, गोपीचंद्र,रवि चौहान,जितेंद्र राणा
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