हरिद्वार। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि भविष्य के दृष्टिगत शहरों का विकास करने की जरुरत है। शहरीकरण पूर्ण नियोजित तरीके से ही किया जाना चाहिये। उत्तराखंड में भौगोलिक विषमता के कारण ही करीब 30 फीसदी भू-भाग पर शहर और गांव की आबादी निवास करती है। बाकी 70 फीसदी वन आच्छादित क्षेत्र है। इसीलिये इन शहरों में ड्रेनेज सिस्टम आधुनिक तकनीक का होना चाहिये। जिससे आने वाले समय में जनता को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े। शनिवार को एसएमजेएन डिग्री कॉलेज के प्रधानाचार्य एके घिल्डियाल की सेवानिवृत्ति समारोह पर उत्तराखंड में नगर नियोजन: चुनौतियां एवं समाधान विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि शहरीकरण वक्त का तकाजा है। लगातार बढ़ रही आबादी को बसाने के लिये शहरों का पूर्ण नियोजित तरीके से बसाना होगा। शहरों का ड्रैनेज सिस्टम आधुनिक तरीके का होना चाहिये। जिससे निकट भविष्य में कोई परेशानी ना हो। उन्होंने कहा कि विगत कुछ सालों में हरिद्वार की आबादी कई गुना बढ़ गई है। जिसके चलते यहां पर 31 फीसदी से 38 फीसदी तक शहरीकरण करने की सरकार की योजना है। इसी के अलावा पूरे राज्य में मार्च तक डोर टू डोर कूड़ा एकत्र करने का लक्ष्य रखा गया है। सॉलिड वेस्ट से रुड़की शहर में एनर्जी तथा हरिद्वार देहरादून में खाद का उत्पादन किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश को खुले में शौच से मुक्ति दिलाने तथा देश का चौथा राज्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में आपदा ,पलायन और रोजगार की दृष्टि से हिमालय दिवस कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने सरकार की मुहिम में जनता से सहयोग करने की अपील भी की है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य एके घिल्डियाल की सेवानिवृत्ति पर उनके कार्यों की प्रशंसा की गई तथा शॉल ओढाकर सम्मानित किया गया। सचिव कालेज प्रबंध समिति के महंत रामानंद पुरी जी महाराज, महंत रामानंद पुरी, महंत धर्मराज भारती, महंत लखन पुरी, डा. डीके माहेश्वरी, डॉ. सरस्वती पाठक, प्रोफेसर पीएस चौहान, संतोष चौहान, पुरुषोत्तम गांधीवादी, जगदीश लाल पाहवा सहित कालेज के तमाम प्रोफेसर, शिक्षक उपस्थित रहे।
मंत्री की जुबानी क्यों बसाने जरुरी हैं शहर: पढ़ें पूरी खबर



