पुलिस की गाड़ी में जन्मा नवजात, कांवड़ लेने आया था दंपति




Listen to this article

नवीन चौहान
मित्रता सेवा और सुरक्षा के स्लोगन को चरितार्थ करने वाली एक घटना सामने आई है। जहां पुलिस के मानवीय दृष्टिकोण से एक गर्भवती महिला की जान बच पाई। महिला को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। गनीमत ये रही कि पुलिस के प्रयासों से मां और उसका नवजात शिशु पूरी तरह सुरक्षित है। दोनों को महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां महिला चिकित्सकों की देखरेख में है। घटना रविवार की है।
कांवड़ मेला में पुलिस चप्पे—चप्पे पर तैनात है। इसी के चलते श्यामपुर थाना प्रभारी दीपक कठैत भी पुलिस बल के साथ चंडी पुल पर डयूटी कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस की नजर नमामि गंगे घाट के पास एक महिला के दर्द से कराहने की आवाज सुनाई दी। महिला अपने पति के साथ जनपद बदायू से कांवड़ के लिए हरिद्वार आई थी। पुलिस ने जब महिला और उसके पति से कराहने का कारण पूछा तो पता चला कि वह गर्भवती है। इसके बावजूद कांवड़ लेने आई है। पुलिस ने महिला के दर्द की स्थिति को भांपते हुए अस्पताल भेजने की तैयारी की। पुलिस ने एंबूलेंस की प्रतीक्षा किए ​बिना ही पीड़ित महिला को थाने की सरकारी से तथा उप निरीक्षक कर्मवारी सिंह की सुरक्षा में सरकारी अस्पताल के लिए रवाना किया। रास्ते मे ही उक्त महिला का प्रसव(पुत्र) हो गया। महिला और उसके नवजात शिशु को अस्पताल भर्ती कराया गया। जहां जच्चा -बच्चा दोनों सुरक्षित है। थाना श्यामपुर की सूझबूझ से महिला और उसके नवजात शिशु का जीवन बचाया गया। ऐसे स्थिति में यदि थोड़ी देर होती तो महिला व उसके नवजात शिशु के जीवन को खतरा हो सकता था। महिला और उसका पति पुत्र रत्न की प्राप्ति से बेहद खुश है। उत्तराखंड पुलिस के मानवतापूर्ण कृत्य से काफी प्रसन्न है। अस्पताल कर्मियों व मौजूद लोगों ने भी पुलिस के कार्य की सराहना की है।