संत समाज ने दी पूर्व विधायक स्वामी जगदीश मुनि को श्रद्धाजंलि




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हरिद्वार। तीर्थ नगरी हरिद्वार से दो बार भाजपा से विधायक रहे ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि को उनकी छठी पुण्यतिथि पर संत मण्डल आश्रम के वर्तमान अध्यक्ष स्वामी राम मुनि के संयोजन में आयोजित श्रद्धाजंलि सभा में संत समाज एवं भाजपा के नेताओं, कार्यकत्र्ताओं ने भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।  स्वामी श्यामसुन्दरदास शास्त्री ने ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि को स्मरण करते हुए कहा कि राम मन्दिर आन्दोलन के समय जिस प्रकार समस्त संत समाज और हरिद्वार वासियों को राम मन्दिर आन्दोलन से जोड़ने का काम जगदीश मुनि ने किया। उस कार्य को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने संत मण्डल आश्रम के वर्तमान परमाध्यक्ष एवं स्वामी जगदीश मुनि के शिष्य स्वामी राम मुनि के प्रति मंगल कामनायें प्रकट करते हुए कहा कि स्वामी राम मुिन अपने गुरुदेव के अधूरे कार्य को पूरा करने का काम कर रहे है। अल्पकाल में ही स्वामी राम मुनि ने श्री घीसा सम्प्रदाय में जो लोकप्रियता प्राप्त की है। वह उनकी योग्यता का प्रमाण है। वरिष्ठ भाजपा नेता जागेराम शास्त्री ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि ने अपने राजनैतिक जीवन में जो लोकप्रियता प्राप्त की। वह सदैव संत समाज और हरिद्वार के लोगों को याद रहेंगी। उनके समय में भाजपा का जो उत्कर्ष हुआ उसमें स्वामी जगदीश मुनि का योगदान सदैव याद किया जाता रहेगा। भाजपा मण्डल अध्यक्ष अनिरुद्ध भाटी ने ब्रह्मलीन स्वामी जगदीश मुनि को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि वे सदैव युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे। स्वामी राम मुनि जहां संस्था को आगे बढ़ाने का काम कर रहे है। वहीं भक्तजनों के बीच भी लोकप्रिय हो रहें है। श्रद्धांजलि सभा में आये हुए संत महंतजनों, विशिष्ट अतिथियों का स्वागत एवं आभार प्रकट करते हुए स्वामी राम मुनि ने कहा कि संत समाज के मार्ग दर्शन में गुरूदेव के अधूरे कार्य को पूरा करने का प्रयास कर रहा हूँ। उन्होंने कहा कि संत समाज ने संत मण्डल आश्रम में आकर जो अनुग्रह किया उसके लिए सदैव आभारी रहूगा। श्रद्धाजंलि सभा में स्वामी अखण्डा नंद, स्वामी चेतन स्वरूप, स्वामी सतवीरा नंद, महंत सुखदेव मुनि, स्वामी बाल मुनि, स्वामी राज मुनि, स्वामी विशाखा बाई जी, स्वामी कुम्भऋषि, महंत ज्ञानानंद शास्त्री, महंत रघुवीरन दास, महंत मोहनदास रामायणी, महतं विष्णुदास, मं.मं.स्वामी भगवान दास, स्वामी प्रेमानंद, स्वामी सच्चिदानन्द गोस्वामी, महंत दिनेश दास, आचार्य रविदेव शास्त्री, आचार्य हरिहरानंद सहित संत महन्त जन उपस्थित रहें।