IPS AJAY SINGH आईपीएस अजय सिंह ने श्यामलाल मर्डर केस का किया खुलासा, 80 साल में आशिकी बनी मौत




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न्यूज127
तेज तर्रार आईपीएस अजय सिंह ने श्यामलाल मर्डर केस का खुलासा कर दिया। 80 साल के श्यामलाल के एक युवती गीता से अवैध संबंध थे। युवती पहले से ही शादीशुदा और एक बच्ची की मां थी। करीब 12 साल के चले आ रहे अवैध संबंधों में बीच में ही युवती ने एक एमबीबीएस के स्टूडेंस से शादी कर ली। ​अपने कथित पति की एमबीबीएस की फीस भरने के लिए अपने 80 साल के प्रेमी की अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का ताना बाना बुन डाला। बुजुर्ग को गीता की करतूत का पता चला तो विरोध किया। जिसके बाद गीता ने अपने पति के साथ​ मिलकर बुजुर्ग प्रेमी की हत्या कर दी।


यह घटना बेहद चकित करनी वाली है। पुरानी कहावत है कि कौन कहना है कि बुडढे इश्क नही करते। इश्क तो करते है, लेकिन जमाना शक नही करता।
ऐसा ही कुछ 80 साल के श्यामलाल के साथ हुआ। उनकी बेटी को भी अपने पिता की हरकतों और अवैध संबधों का कोई अंदाजा नही था। उसने तो अपने पिता के अचानक लापता होने पर गुमशुदगी दर्ज करा दी।
लेकिन तेज तर्रार आईपीएस अजय सिंह तो बाल की खाल निकालने में माहिर है। उनकी आंखों से अपराधी बच जाए ऐसा संभव नही। अपराधी कितना भी शातिर क्यो ना हो, देहरादून के पुलिस कप्तान अजय सिंह की पुलिस टीम को चकमा देना आसान नही।
ऐसा ही कुछ इस प्रकरण में हुआ। पुलिस ने गुमशुदगी में मुकदमा दर्ज कर लिया और अपहरण में तरमीम कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद ली। श्यामलाल के कदमों के पीछे चलते—चलते पुलिस मुख्य अपराधी गीता और उसके पति हिमांशु चौधरी तक पहुंच गई।
इस पूरे प्रकरण में एक बात तो साफ है कि गीता करीब 12 सालों से श्यामलाल के पैंसों को लूट रही थी। उसके पैंसों पर मौज काट रही थी। जवानी की दलजीत पर खड़ी गीता की मुलाकात हिमांशु से हो गई। दोनों के बीच प्यार हुआ और शादी कर ली। श्यामलाल से संबंधों की बात हिमांशु को भी पता थी। इसीलिए हिमांशु ने गीता को श्यामलाल को लूटने के लिए योजना बनाई। हालांकि वह योजना में सफल नही हो पाए और श्यामलाल को गीता की बेवफाई का भी पता चल गया। जिसके बाद ही दोनों ने श्यामलाल का मर्डर कर दिया।
घटनाक्रम
घटनाक्रम के मुताबिक 7 फरवरी 2025 को निधि राठौर पुत्री श्याम लाल निवासी पीठावाला, चंद्रमणी पटेलनगर देहरादून ने थाना कोतवाली पटेलनगर पर अपने पिता की गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने गुमशुदगी को अपहरण में तरमीम कर दिया।
पुलिस की विवेचना

श्यामलाल गुरु जी के वापस आने की कोई भी फुटेज पुलिस को प्राप्त नही हुयी, जिस पर पुलिस टीम द्वारा उक्त सन्दिग्ध महिला गीता व उसके पति के सम्बंध में जानकारी की गई तो उक्त दोनों का अपने घर से फरार होना तथा दोनों के मोबाइल नंबरो का बंद होना पाया गया।
पुलिस ने जोड़े तार
पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से जानकारी में कुछ अन्य सन्दिग्ध नम्बर प्रकाश मे आये, जिनसे दोनों संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा श्याम लाल की गुमशुदगी के बाद संपर्क किया गया था। पुलिस टीम ने संदिग्ध महिला गीता के मायके देवबंद सहारनपुर दबिश देते हुये उसके भाई अजय कुमार पुत्र रामपाल को पूछताछ हेतु हिरासत में लिया गया, जिससे पूछताछ में उसने गीता तथा उसके पति हिमांशु चौधरी द्वारा गुमशुदा श्याम लाल की हत्या करने तथा उसके द्वारा अपने बहनोई धनराज चावला पुत्र संजय चावला निवासी कैलाशपुर कॉलोनी थाना देवबंद सहारनपुर के साथ शव को ठिकाने लगाने की बात बताई गई, जिस पर पुलिस टीम द्वारा घटना में प्रकाश में आये अभियुक्त धनराज चावला को देवबंद सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उनके द्वारा दिनांक: 02-02-2025 को गीता द्वारा अपने पति हिमांशु चौधरी के साथ मिलकर गुमशुदा श्यामलाल की हत्या करना तथा अभियुक्तों द्वारा उसके शव को देवबंद स्थित साखन की नहर में फेकने की जानकारी दी गयी।
शव को किया बरामद
पुलिस ने 20 फरवरी 25 को मृतक श्यामलाल के शव को सहारनपुर के बडगांव थाना क्षेत्र से बरामद किया गया था। जबकि मुख्य आरोपी गीता तथा हिमांशु लगातार फरार चल रहे थे, जिनकी गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम द्वारा लगातार गैर प्रान्त राजस्थान, जयपुर, कोटा, दिल्ली आदि स्थानों पर दबिशें दी गयी पर अभियुक्त अपनी गिरफ्तारी से बचते हुए लगातार अपनी मौजूदगी को छिपा रहे थे। अभियुक्तों के लगातार फरार चलने पर उनकी गिरफ्तारी हेतु एसएसपी देहरादून द्वारा दोनों दम्पति अभियुक्तों पर 25-25 हजार रू0 का ईनाम घोषित कर दिया। पुलिस टीम ने लगातार किये जा रहे प्रयासों से सर्विलांस तथा मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम द्वारा दोनों फरार अभियुक्तों हिमांशु चौधरी पुत्र सतीश तथा गीता पत्नी हिमांशु चौधरी को अमृतसर पंजाब से गिरफ्तार किया गया।
घिनौनी साजिश का पर्दाफाश
पूछताछ में अभियुक्ता गीता ने बताया गया कि मृतक श्याम लाल से विगत 12 वर्षों से उसके अवैध सम्बन्ध थे, जिसके चलते वह पिछले 03 सालों से अपनी पुत्री के साथ अपने पहले पति से अलग रह रही थी तथा मई 2024 में उसके द्वारा अभियुक्त हिमांशु चौधरी से मन्दिर में शादी की थी। अभियुक्त हिमांशु चौधरी देहरादून से एमबीबीएस की पढाई कर रहा था तथा बार-बार ड्राप आउट होने के कारण उसकी पढाई पर काफी खर्चा हो गया था। पैसों की तंगी को पूरा करने के लिये दोनों दम्पत्ति अभियुक्तों ने मृतक श्यामलाल की अभियुक्ता गीता के साथ अश्लील विडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर उससे पैसा ऐंठने की योजना बनाई।

योजना के मुताबिक अभियुक्तों द्वारा किशननगर एक्स्टेंशन में अपने किराये के कमरे से थोडी दूरी पर एक अन्य कमरा किराये पर लिया तथा दिनांक: 02-02-25 को अभियुक्ता गीता द्वारा मृतक श्याम लाल को फोन कर किराये पर लिये गये दूसर कमरे पर बुलाया गया, जहां अभियुक्त हिमांशु चौधरी पहले से ही मौजूद था, जो छिपकर दोनो की अश्लील वीडियो बनाने की फिराक में था। कमरे में पहुंचने के बाद मृतक श्यमालाल को दोनों अभियुक्तों की योजना की भनक लगने पर वो जोर-जोर से हल्ला करने लगा। इस दौरान अभियुक्तों द्वारा उसे बांधकर उस पर काबू करने का प्रयास किया गया परन्तु मृतक श्यामलाल के लगातार जोर-जोर से चिल्लाने पर दोनों अभियुक्तों ने उसका मूंह बन्द कर दिया तथा गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

हत्या के पश्चात अभियुक्तों द्वारा मृतक के शव को उक्त कमरे में ही छोड दिया तथा घटना के अगले दिन अभियुक्ता गीता द्वारा उक्त घटना की जानकारी देते हुए अपने भाई अजय को तथा दिनांक: 04-02-25 को अपने बहनोई धनराज चावला को देते हुए उन्हें देवबंद सहारनपुर से देहरादून बुलाया। चूकिं अभियुक्त हिमांशु एमबीबीएस की पढाई कर रहा था, तो उसे जानकारी थी कि शव को एक दो दिन रखने के बाद शरीर में खून जम जाता है तथा उसे काटने पर शरीर से खून नहीं निकलता है, जिस पर अभियुक्त हिमांशु चौधरी द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर मृतक श्यामलाल के शव के अलग-अलग टुकडे कर उन्हें रस्सी से बांधकर प्लास्टिक के अलग-अलग कट्टों में डाल दिया तथा अभियुक्त धनराज चावला द्वारा लाये गये वाहन में घरेलू सामान के साथ रखकर देहरादून से देवबंद ले गये तथा शव को देवबंद में साखन की नहर में फेंक दिया।
घटना के बाद पुलिस को गुमराह करने के लिये अभियुक्तों द्वारा मृतक की मोटर साइकिल को आईएसबीटी के पास सडक किनारे एक खाली प्लाट में खडा कर दिया तथा वाहन की नम्बर प्लेट को उखाडकर कबाड में फेंक दिया। घटना के बाद अभियुक्त हिमाशु चौधरी देवबंद से रूडकी आ गया। जहां से वह गीता के साथ पुलिस से बचने के लिये पहले मुम्बई फिर जयपुर, प्रयागराज, कुरूक्षेत्र तथा अमृतसर में अलग-अलग स्थानों में छिपकर रह रहा था।

विवरण गिरफ्तार अभियुक्त:-

1- हिमांशु चौधरी पुत्र सतीश निवासी: नई बस्ती सुनहरा रोड रूडकी, हरिद्वार।
2- गीता पत्नी हिमांशु चौधरी निवासी उपरोक्त
मायका- कायस्थवाडा सैनी कालोनी, थाना देवबंद, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश।

पुलिस टीम:-

01: निरी0 प्रदीप सिंह राणा, प्रभारी थाना पटेलनगर,
02ः निरी0 योगेश दत्त, थाना पटेलनगर,
03ः उ0नि0 देवेश खुगशाल, चौकी प्रभारी आईएसबीटी
04: उ0नि0 दीनदयाल
05 अ0उ0नि0 विजय प्रताप
06: कां0 अरशद
07: कां0 विकास कुमार
08ः का हेमन्ती नन्दन

एसओजी टीम:-

01ः निरी0 विनोद गुसांई, प्रभारी एसओजी नगर
02ः उ0नि0 विनोद राणा
03ः उ0नि0 कुन्दन राम
04ः हे0का0 किरण कुमार
05ः कां0 ललित कुमार
06ः कां0 पंकज कुमार
07ः का0 नरेन्द्र
08ः का0 लोकेन्द्र
09ः का0 अमित
10ः का0 आशिष शर्मा
11: का0 विपिन
12: म0कां0 मोनिका