DAV में दो दिवसीय सेमिनार में करियर काउंसिलिंग में विशेषज्ञों ने किया स्टूडेंटस का मार्गदर्शन




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न्यूज 127.
विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए डीएवी पब्लिक स्कूल, देहरादून की ओर से आईपीसीसीएफ संस्था के सहयोग द्वारा दो दिवसीय सेमिनार का शनिवार को समापन हो गया। इस अवसर पर आईपीसीसीएफ संस्था की ओर से करियर काउंसलिंग के विशेषज्ञों डॉक्टर प्रीति, स्वाति कुलकर्णी, पूर्णिमा एवं संजय सिंह ने विद्यालय के बच्चों व अभिभावकों को हर्ष की अनुभूति कराई।

विद्यार्थी जीवन में विशेष रूप से नवीं से दसवीं तक की कक्षा के विद्यार्थियों के समक्ष दसवीं के पश्चात् सही संकाय तथा विषयों का चयन करना अत्यंत चुनौती पूर्ण विषय होता है। इसी बात की गंभीरता को समझते हुए इस समस्या का हल प्रस्तुत करने के लिए करियर काउंसलिंग सेमिनार के दूसरे दिन करियर काउंसलर संजय सिंह ने बच्चों का ज्ञानवर्धक शब्दों में सुव्यवस्थित तरीके से मार्गदर्शन किया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय के वरिष्ठ गणित शिक्षक गिरीश चंद्र पंत ने संजय सिंह का स्वागत करते हुए उन्हें स्नेह के प्रतीक स्वरूप एक पौधा भेंट कर संस्था से संबंधित सभी सदस्यों का धन्यवाद किया। आज के सत्र में करियर काउंसलिंग के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव प्राप्त विशेषज्ञ संजय सिंह ने कक्षा 11वीं तथा लगभग 23 वर्षों के अनुभव से संपन्न करियर काउंसलर पूर्णिमा ने कक्षा 12वीं के बच्चों को भविष्य में सही पाठ्यक्रम के चुनाव तथा उससे प्राप्त होने वाले रोज़गार की संभावनाओं पर विचार करने हेतु आवश्यक सुझाव देकर उनकी सोच को एक सही दिशा प्रदान करने का प्रयास किया।

विशेषज्ञ संजय सिंह ने कहा कि अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों के लिए करियर काउंसलिंग की शुरुआत आठवीं कक्षा से की जानी चाहिए। आज के स्पर्धा भरे युग में अभिभावकों को बच्चों के बेहतर भविष्य की नींव रखने के लिए करियर काउंसलिंग के महत्त्व को समझना तथा इसका लाभ उठाना परम आवश्यक है। संजय जी ने बच्चों व अभिभावकों का इस सेमिनार में सम्मिलित होने के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि बच्चे जिस करियर को आने वाले समय में अपनाना चाहते हैं उसके बारे में उन्हें कुछ विशेष बिंदुओं पर ध्यान अवश्य देना चाहिए जैसे अपनी योग्यताओं व रुचि को प्राथमिकता देते हुए उस क्षेत्र के संबंध में पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के पश्चात् ही उन्हें इस ओर उन्मुख होना चाहिए।

उन्होंने भारत के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी प्रसिद्ध हस्तियों के छाया चित्र दिखाकर बच्चों से उन्हें पहचानकर उनका नाम बताने की गतिविधि का आयोजन कर सभी को इस सेमिनार के मुख्य विषय से जोड़े रखा।उन्होंने ‘व्यक्तित्व’ के विषय में बात करते हुए कहा कि बच्चों का व्यक्तित्व उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि पर ही आधारित होता है। उन्होंने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी भ्रमित है कि उसे भविष्य में क्या करना है? कुछ विद्यार्थी केवल अपने मित्रों या माता-पिता के दबाव में आकर अपनी रुचि और क्षमताओं के विपरीत करियर का चुनाव कर लेते हैं, जिसका परिणाम इस रूप में सामने आता है कि कुछ समय के पश्चात् उन्हें यह अनुभव होता है कि उनका व्यक्तित्व उस करियर के अनुरूप नहीं है। ऐसी और इस प्रकार की सभी समस्याओं का समाधान करियर काउंसलर से परामर्श लेकर किया जा सकता है।

उन्होंने सिस्टमैटिक करियर व रेंडम करियर पर भी बात की। उन्होंने बात करते हुए कहा कि सही या गलत करियर का चुनाव बच्चों के भविष्य व उनके जीवन के स्तर का निर्धारण करेगा। इसके पश्चात् लंबे समय के अनुभव को साझा करते हुए पूर्णिमा ने उत्साह भरे अंदाज़ में सर्वप्रथम आईपीसीसीएफ संस्था की नींव रखने वाले 6 सदस्यों के विषय में बताने के उपरांत इस संस्था के मुख्य उद्देश्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन एक यात्रा के समान है। समय पर लिया गया सही निर्णय विद्यार्थियों के आगामी जीवन में एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने अभिभावकों से प्रश्न पूछे तथा माता-पिता की ओर से पूछे गए प्रश्नों का संतुष्टिजनक उत्तर प्रस्तुत कर उनकी समस्या का निदान किया।

उन्होंने अभिभावकों को यह सुझाव दिया कि वे अधिक से अधिक नवीन करियर ऑप्शंस के बारे में जानकारी प्राप्त करें क्योंकि बहुत से करियर ऑप्शंस ऐसे हैं जिसमें बच्चों की तो रुचि है परंतु माता-पिता को उसके विषय में अधिक जानकारी न होने के कारण वे बच्चों को उस करियर का चयन करने के लिए प्रोत्साहित नहीं कर पाते हैं। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने डीएवी विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा करियर काउंसलिंग हेतु उनकी संस्था की सेवाएँ लिए जाने पर शुल्क में आकर्षक छूट देने की भी घोषणा की।

कार्यक्रम के अंत में डीएवी विद्यालय के वरिष्ठ विज्ञान शिक्षक रोहित शर्मा एवं वरिष्ठ अंग्रेज़ी अध्यापिका बिनीता डिमरी ने संस्था से आए हुए सभी सदस्यों एवं विशेषज्ञों व अन्य उपस्थित सभी का हृदय से आभार व्यक्त किया। इस दो दिवसीय सेमिनार में सम्मिलित हुए विशेषज्ञों के अनुभव रुपी जल से सिंचित ज्ञान ने बच्चों की करियर से संबंधित निर्णय लेने की क्षमता को संवर्धित करने का कार्य किया।