खनन माफियाओं ने प्रशासन की कर दी नींद हराम, एंटी माइनिंग टीम और पुलिस कर रही आराम




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नवीन चौहान
हरिद्वार के खनन माफियाओं ने जिला प्रशासन की नींद हराम कर दी है। प्रशासनिक अधिकारियों को मध्य रात्रि में अवैध खनन  की सूचना के संबंध में दन—दनादन फोन घन घनाते है। ग्रामीण प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना देते रहते है। जबकि अवैध खनन को रोकने की ​डयूटी कर रही एंटी माइनिंग सेल की टीम गहरी नींद सो रही है। हरिद्वार के ये हाल तो तब है जब एक ईमानदार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने अवैध खनन को रोकने के सख्त निर्देश जारी किए हुए है। प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही तय की हुई है।
मध्य रा​त्रि में भोगपुर क्षेत्र में एक स्टोन क्रेशर मालिक की सरपस्ती में 30 से 35 ट्रैक्टर ट्राली को गंगा में उतारकर खनन सामग्री को निकाला गया। उक्त खनन सामग्री को स्टोन क्रेशर पर पहुंचाया गया। इस दौरान इन वाहनों को रोकने की जहमत प्रशासन और पुलिस ने नहीं की। अवैध तरीके से खनन सामग्री ले जा रहे इस वाहनों की कोई रोकटोक नही हुई। ये पुख्ता जानकारी ग्रामीणों की ओर से दी गई है।

जबकि प्रशासनिक अधिकारियों की बात करें तो एंटी माइनिंग सेल की टीम पूरी कर्तव्यनिष्ठा से डयूटी कर रही है। खनन प्रभावित क्षेत्रों में भ्रमण कर रही है। खनन सामग्री ले जा रहे वाहनों की निगेहबानी कर रही है। तो सवाल उठता है कि एंटी माइनिंग सेल की सख्ती के बाद खनन माफिया अपने मंसूबों को पूरा किस प्रकार कर पा रहे है। क्या इनको किसी का संरक्षण प्राप्त है।
हरिद्वार के खनन माफिया अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए किसी हद तक भी जा रहे है। सफेद सोने की चाहत में वह किसी के इमान की कीमत लगा सकते है। रात्रि में चंद कागज के टुकड़ों को फेंककर करोड़ों कमाते है। सुबह दिन निकलते ही ये माफिया चंद कागज के टुकड़े उठाने वाले अधिकारियों को गाली देते है।

पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
क्षेत्र से चोरी रोकना पुलिस का काम है। गंगा से अवैध खनन सामग्री की चोरी को रोकना भी पुलिस की जिम्मेदारी है। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठता है। रात्रि में चलने वाले इन ट्रैक्टरों को रोकना और प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना देना पुलिस का कर्तव्य बनता है। लेकिन पुलिस अपने कर्तव्य से विमुख है।

एसडीएम गोपाल चौहान का कहना है कि अवैध खनन को रोकने के लिए एंटी माइनिंग सेल की टीम को सख्त निर्देश दिए गए है। ऐसे में अगर कहीं अवैध खनन होना पाया जाता है तो क्रास चैक कराया जायेगा और संबंधित टीम पर कार्रवाई की जायेगी।

जिलाधिकारी सी रविशंकर इन खनन माफियाओं के मंसूबों को फेल करने के लिए पूरी तरह से संजीदा है। इसीलिए उन्होंने चार सदस्यीय जनपद स्तरीय एंटी माइनिंग सेल की टीम गठित की है। जिसमें संबंधित एसडीएम,वनाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी और उप निदेशक खनन की जवाबदेही तय करते हुए इनके कार्यो की समीक्षा के लिए एक अंडर ट्रैनी आईएएस डिप्टी कलेक्टर अंशुल सिंह और एक आईपीएस सीओ सिटी हरिद्वार डॉ भदाणे विशाखा अशोक को जिम्मेदारी सौंपी है।