सैन्य कर्मियों ने कृषि विश्वविद्यालय में स्मार्ट खेती की तकनीक को जाना




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न्यूज 127.
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भारतीय सैन्य कर्मियों ने भ्रमण कर कृषि की नवीनतम तकनीक विविधीकरण तथा स्मार्ट खेती के बारे में जानकारी हासिल की। भारतीय सेना के अधिकारी मेरठ स्थित एमएसएमई में प्रशिक्षण लेने के लिए आए हुए हैं। कृषि विश्वविद्यालय में पहुंचकर उन्होंने कृषि की नवीन तकनीक के बारे में जानकारी हासिल की।
इस दौरान सेना के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केके सिंह से भी मुलाकात की। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा विश्वविद्यालय ने एक भारतीय सेना के अधिकारियों के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे विश्वविद्यालय में भारतीय सैनिकों को कृषि से संबंधित प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केके सिंह ने कहा कृषि विविधीकरण को अपनाते हुए उन पर आधारित उद्योग धंधों पर फोकस किया जाए तो किसान की आमदनी काफी बढ़ सकती है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए 860 करोड रुपए की योजना मंजूर की है। जिससे हॉर्टिकल्चर के विकास की बहुत ज्यादा संभावनाएं बड़ी है। कुलपति प्रोफेसर केके सिंह ने कहा इस समय स्मार्ट खेती करने की आवश्यकता है। सरकार कृषि क्षेत्र में उद्योग धंधों को बढ़ावा दे रही है ताकि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग धंधों का विकास हो सके इसी को देखते हुए कृषि आधारभूत ढांचा फंड का विस्तार किया गया है। गत दिनों इसके तहत सात योजनाओं के लिए 14200 करोड रुपए सरकार द्वारा जारी किए गए हैं। इसमें डिजिटल कृषि मिशन फसल विज्ञान कृषि शिक्षा एवं प्रबंधन पशु स्वास्थ्य आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस दौरान अधिष्ठाता कृषि डॉ विवेक धामा ने कृषि की संभावनाएं एवं उसका विकास डॉ डीबी सिंह ने मत्स्य उत्पादन एवं प्रबंधन डॉ अरविंद राणा ने अमरूद उत्पादन एवं ड्रैगन फ्रूट उत्पादन पर सब्जी बीज उत्पादन एवं प्रबंधन, प्रोफेसर आर एस सेंगर ने टिशु कल्चर विधि से केला तथा गन्ना उत्पादन की जानकारी दी। निदेशक ट्रेंनिंग प्लेसमेंट प्रोफेसर आरएस सेंगर ने संबोधित करते हुए कहा कि कृषि को स्मार्ट तकनीक से संचालित करने एवं किसानों की आय को दुगनी करने हेतु भारत सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने बताया मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना, इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार इनाम योजना, सूक्ष्म कृषि सिंचाई को बारानी क्षेत्रों के विकास हेतु कई प्रमुख कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी प्रकार जैविक खेती तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जा रहा है। यदि डिजिटल आधारित स्मार्ट किसी को प्राथमिकता दी जाएगी तो किसानों की आमदनी को काफी और बढ़ाया जा सकता है।
भ्रमण के दौरान नरेंद्र सिंह राघव एवं दिनेश सैनी उपलब्ध रहे। यह कार्यक्रम एमएसएमई की तरफ से वीपी सिंह द्वारा आयोजित किया गया था। जिससे भारतीय सेना के अधिकारियों को नवीनतम तकनीक की जानकारी हासिल हो सके। डॉ कमल खिलाड़ी ने सूक्ष्म जीवों का पौधों पर प्रभाव के बारे में बताया।



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