गंगा किनारे गोर्खाली समाज ने नेपाली गीतों से मोह लिया सबका मन




Listen to this article

न्यूज 127.
गोर्खाली महिला कल्याण समिति ने बैरागी केम्प खुले मैदान गंगा किनारे सांस्कृतिक कार्यक्रम और बनभोज का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में महिलाओं और बच्चों ने नेपाली गीतों पर लोकनृत्य कर सबका मनमोह लिया। नेपाली व्यजन का सभी लोगो ंने खूब स्वाद लिया।

हरिद्वार में बनभोज की शुरुआत डॉ पदम प्रसाद सुबेदी ने बिलवकेश्वर महादेव मंदिर के जंगल से 50 वर्ष पूर्व की थी। आज के कार्यक्रम में मुख्य अथिति चारु सहगल व वर्षा बिस्ट ने दीप प्रज्वलित कर शुरूआत की। चारु सहगल व वर्षा बिस्ट ने कहा कि नेपाल भारत की संस्कृति एक सामान है। रोटी बेटी का रिश्ता होने के साथ साथ दो भाई जैसा नाता भी है। अध्यक्ष पदमा पांडेय शारदा सुबेदी ने कहा कि बनभोज को लेकर महिलाओं व बच्चे काफ़ी उत्सुकता से भागीदारी कर रहे थे। अपनी संस्कृत को दर्शाने के साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का सन्देश भी दिया गया।

कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाओं ने जमकर नृत्य किया। रेखा शर्मा व तनुजा पांडेय ने कहा की बनभोज की शुरुआत सैकड़ों वर्ष पूर्व हुई थी। सर्दीओ के समय घने जंगल में जाकर अपने घरों से सामान लकड़ी राशन इत्यादि लाकर महिलाएं बच्चे मस्ती नाच गान अपनी वेशभूषा में नृत्य करते थे। उसी के कारण बनभोज का कार्यक्रम पहली बार गोर्खाली महिला कल्याण समिति द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम आगे भी लगातार किया जायेगा।

संरक्षक कमला सुबेदी, वंदना सुबेदी, शारदा सुबेदी, रेखा शर्मा, चंपा उपाध्याय, तनुजा पाण्डेय, रमा पाण्डेय, सपना खड़का, भगवती ओझा, मायारेउले, कल्पना ओझा, कल्पना बोहरा, लक्ष्मी घिमेरे, मंदिरा भंडारी, तारा अर्याल, कमला पौड़ेल, मनीषा शर्मा, अम्बिका उपाध्याय, गंगा उपाध्याय, पदम प्रसाद सुबेदी,महंत दिनेश दास लोकनाथ सुबेदी, रामप्रसाद शर्मा, सुशील पाण्डेय, कमल खड़का, उदिम बहादुर खड़का आदि उपस्थित थे।