अच्छी नस्ल और खुराक में छिपा है ज्यादा दूध उत्पादन का सूत्र: डॉ रविंद्र कुमार




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  • छात्रों को डेयरी पशुओं के वैज्ञानिक प्रबंधन का दिया प्रशिक्षण दूध उत्पादन बढ़ाने सिखाए गुर

न्यूज 127.
आईआईएमटी विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान महाविद्यालय एवं बेसिक साइंस विज्ञान महाविद्यालय द्वारा छात्रों के लिए आयोजित डेयरी पशुओं के वैज्ञानिक प्रबंधन प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए सटीक उपाय सुझाए गए।

मुख्य अतिथि प्रशिक्षण कैंप को संबोधित करते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद- गौ वंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ के पशु आनुवांशिकी एवं प्रजनन विभाग प्रधान वैज्ञानिक डॉ रविन्द्र कुमार ने बताया अच्छी नस्ल और अच्छी खुराक में ही ज्यादा दूध उत्पादन का सूत्र छुपा है। उन्होंने बताया कि पशुओं को संतुलित आहार खिलाना जरूरी है जिसमें हरा चारा, बरसीन, मक्का जैसी कार्बोहाइड्रेड और प्रोटीन से भरी खुराक देने की जरुरत होती है। कृषि विज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ. राजवीर सिंह ने बताया कि भारत 1998 से लगातार विश्व का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बन हुआ है जिसका श्रेय पशु विज्ञान के वैज्ञानिकों एवं जागरूक किसानों जाता है।

कृषि विज्ञान महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ. राजकुमार ने बताया भारत में कई अन्य देशों के मुकाबले डेयरी पशुओं का प्रति पशु औसत उत्पादन बहुत कम है जिसको दुधारू नस्लों के सही खानपान, पशु स्वास्थ्य रक्षा द्वारा ही बढ़ाना संभव हो पाएगा। पशुपालन विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ दीपक कुमार वर्मा ने छात्रों को भारत तथा अन्य देशों की दुधारू नस्लों के बारे में विस्तार से बताया तथा कृत्रिम गर्भाधान अपनाकर उत्तम नस्लों के नस्लदार दुधारू पशुओं की ही संख्या की बढ़ाने की अपील करते हुए अपने अपने अपने गांव के किसानों में जागरूकता लाने को कहा।

इस प्रशिक्षण शिविर में मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर तथा शामली जिले के विभिन्न कॉलेज के 70 छात्रों ने भाग लिया। आईआईएमटी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. दीपा शर्मा ने छात्रों के प्रशिक्षण को प्रदेश के किसानों एवं छात्रों के लिए बहुत लाभकारी बताया। बेसिक साइंस विज्ञान महाविद्यालय के डीन डॉ एके चौहान ने मुख्य अतिथि, कुलपति, छात्रों तथा कृषि व बेसिक साइंस विज्ञान महाविद्यालय के शिक्षकों का आभार व्यक्त किया।