नवीन चौहान
जैसे-जैसे समाज सुविधा सम्पन्न होता जा रहा है। वैसे-वैसे लोगों में बिमारियां भी बढ़ रही हैं। आलम यह है कि इलाज के लिए जनसंख्या के अनुपात में जितने चिकित्सकों की आवश्यकता है उतने मौजूद नहीं हैं। जिस किसी भी चिकित्सक या चिकित्सालय में जांए तो मरीजों का हुजुम दिखाई पड़ता है। उसमें भी सबसे अधिक भीड़ स्पेशलिस्ट डाक्टरों के पास रहती है। जो किसी एक रोग विशेष के इलाज में महारथ हासिल किए रहते हैं। वहीं झोलाछाप डाक्टर भी किसी स्पेशलिस्ट से कम नहीं। इनके पास भी भीड़ बेशुमार देखी जा सकती है। जहां वर्षों पढ़ाई करने और लाखों खर्च करने के बाद एक चिकित्सक अपने क्षेत्र में महारथ हासिल करता है। वहीं बिना कुछ किए झोलाछाप चिकित्सक हर मर्ज का इलाज करने का दावा करते हैं। फिशर, भगन्दर, बवासीर, यौन रोग, ह्दय, ईएनटी आदि सभी रोगों का उपचार पूरे दावे के साथ करते हैं। एक ही झोलाछाप डाक्टर दिल की बिमारियों का भी इलाज कर लेता है। चर्म रोग, यौन रोग व अन्य सभी रोगों को ठीक करने का दावा करते हैं। यहां तक की जो मरीज दवाईयों से ठीक न होता हो उसे ये विज्ञान के इस युग में झाड-फूंक के द्वारा ठीक करने का भी दावा करते हैं। इनमें से चांदसी क्लीनिक वाले चिकित्सकों की संख्या अधिक है। यदि मरीज दवा देने से ठीक न होता हो तो ये उसे झाड़-फूंक द्वारा अपने कब्जे से जाने नहीं देते। ये झोलाछाप डाक्टर, पीलिया, तीन दिनों में आने वाला बुखार, आधे सिर का दर्द तो झाड़-फूंक के द्वारा पूरी तरह से ठीक करने का दावा करते हैं और मरीज पर झाड-फूंक का ही इस्तेमाल करते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो झोलाछाप चिकित्सकों के पास हर मर्ज की दवा है। ऐसा नही कि इनके पास आने वाले मरीज अशिक्षित ही हो। कई बार तो पढ़े लिखे शिक्षित वर्ग के लोग इस झोलाछाप चिकित्सकों की दुकानों पर दवाई लेते दिखाई पड़ते है। हो भी क्यो ना आखिरकार इनके झोलाछापों के पास हर मर्ज की दवा जो है। हरिद्वार जनपद में ग्रामीण इलाकों के साथ नगर क्षेत्रों में भी इन झोलाछापों की दुकानों बढ़ी तेजी के साथ फल फूल रही है। रावली महदूद, पीठ बाजार, ज्वालापुर लाल मंदिर कॉलोनी, बस स्टैंड, लक्सर के आसपास के इलाकों में काफी झोलाछाप चिकित्सकों की भीड़ है।