केबिनेट मंत्री मदन कौशिक देर रात्रि सतपाल महाराज के प्रेम नगर आश्रम में पहुंचे , जानिये क्या है खबर




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हरिद्वार। केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के समर्थकों और नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग के बीच विवाद को सुलटाने के लिये केबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने प्रयास तेज कर दिये है। दोनों ही नेताओं के भाजपा से जुड़े होने के चलते पार्टी की फजीहत को रोकने के लिये पार्टी के प्रवक्ता मदन कौशिक ने पहल शुरू कर दी। देर रात सतपाल महाराज के आश्रम में पहुंचकर मदन कौशिक ने आश्रम संचालकों से बातचीत की और मामले को बातचीत से हल करने का सुझाव दिया। हालांकि दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज होने के बाद बॉल कानून के पाले में खिसक गई है। लेकिन फिर भी समझौते के प्रयास मदन कौशिक की ओर से जारी है।
धर्मनगरी में गुरुवार की मूसलाधार बारिश आफत के साथ जिला प्रशासन और भाजपा के लिये मुसीबत लेकर आई। इस बारिश ने भाजपा की खूब किरकिरी कराई। भाजपा के ही सत्ताधारी मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम की एक दीवार और गेट को ध्वस्त करने के दौरान नगर के मेयर मनोज गर्ग और उनके समर्थकों का आश्रम  समर्थकों से झड़प हो गई। विवाद बढ़ा तो दोनों पक्षों की ओर से पथराव व लाठी डंडे चले। पुलिस प्रशासन ने मोर्चा संभाला तो लाठी डंडे और पथराव तो थम गया पर सियासत गरम हो गई। भाजपा के मेयर मनोज गर्ग और भाजपा के ही केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के भक्तों ने बीच का विवाद पुलिस थाने में पहुंच गया। जहां दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज हो गया। इस प्रकरण में सतपाल महाराज के समर्थन में हरिद्वार भाजपा के चार विधायक आदेश चैहान, स्वामी यतीश्ववरानंद, सुरेश राठौर और संजय गुप्ता के साथ भाजपा के जिलाध्यक्ष जयपाल चैहान ने भी कूद लगा दी। इन सभी ने मेयर के कृत्य की निंदा करते हुये सतपाल महाराज के साथ होने की बात कह दी। दोनों कददावर नेताओं के विवाद की गूंज देहरादून मुख्यमंत्री आॅफिस तक पहुंची तो नगर विधायक केबिनेट मंत्री और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मदन कौशिक ने इस विवाद को खत्म करने के लिये देर रात्रि करीब 11 बजे सतपाल महाराज के आश्रम में पहुंचकर आश्रम के संचालकों से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की गई। लेकिन महाराज के हरिद्वार से बाहर होने के चलते प्रकरण में सुलह का प्रयास विफल रहा। आश्रम के ही एक सेवक ने बताया कि केबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने आश्रम संचालकों से बातचीत की ओर विवाद को खत्म करने का सुझाव दिया है। जिस पर अभी कोई सहमति नहीं बन पाई है।
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नगर निगम कर्मचारियों ने लगाये सतपाल मुर्दाबाद के नारे
हरिद्वार। नगर निगम के कर्मचारियों ने शुक्रवार की सुबह सड़क पर रैली निकालकर केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के मुर्दाबाद के नारे लगाये। नगर निगम से शुरू हुई रैली प्रेम नगर आश्रम के समीप चंद्राचार्य चैक तक पहुंची। जहां भारी संख्या में नगर निगम के कर्मचारियों ने मेयर मनोज गर्ग की पिटाई किये जाने की निंदा की। जिसके बाद सभी कर्मचारी काफी देर तक महाराज के विरोध में नारे लगाते रहे।
भाजपा के केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और नगर के मेयर मनोज गर्ग के बीच के विवाद में नगर निगम के कर्मचारी भी कूद गये हैं। निगम कर्मचारियों में मेयर की पिटाई किये जाने को लेकर रोष है। इसी के चलते शुक्रवार की सुबह भारी संख्या में नगर निगम के कर्मचारियों ने एक रैली निकाली। रैली निकालने के दौरान सतपाल महाराज मुर्दाबाद के नारे लगाये गये। प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि मेयर साहब शहर से बरसात के पानी की निकासी कराने गये थे। उन पर हमला किया जाना गलत है। पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाये रखने के लिये जिला प्रशासन की ओर से भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
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मदन के गले की फांस बना मंत्री मेयर का प्रकरण, जानिये पूरी खबर
हरिद्वार। नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग का केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बीच उपजे विवाद से भाजपा के ही केबिनेट मंत्री मदन कौशिक के गले की फांस बनता जा रहा है। भाजपा के मजबूत दमदार नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले मदन कौशिक के खासमखास मनोज गर्ग की पिटाई का प्रकरण निबटाने की जिम्मेदारी मदन के ही कंधों पर आ गई है। ऐसी स्थिति में भाजपा नेताओं का विवाद पार्टी की प्रदेश में खूब फजीहत करा रहा है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस विवाद पर चुटकी ले रही है तो सोशल मीडिया पर मेयर नौटंकीबाज छाये हुये है। इस विवाद को तूल पकड़ने से थामना नगर  विधायक मदन कौशिक की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। देखना है कि सियासत इस विवाद में और कौन से नये रंग दिखलाती है।
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नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग की पहचान केबिनेट मंत्री और नगर विधायक मदन कौशिक के खास सिपेहसालार के रुप में की जाती है। मदन कौशिक ने ही अपनी पूरी ताकत से मनोज गर्ग को मेयर का चुनाव जिताकर नगर निगम के मेयर की कुर्सी तक पहुंचाया, ये बात जगजाहिर है। मेयर मनोज गर्ग ने अपनी कुर्सी का बेजा इस्तेमाल कर एक विवाद को जन्म दे दिया। गुरुवार को बरसाती पानी की निकासी के दौरान भाजपा के ही केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम की दीवार को ध्वस्त कराने का मौखिक आदेश बुलडोजर चालक को दे दिया। जिसके लिये प्रशासन और पुलिस को सूचना देना तक मुनासिब नहीं समझा। आश्रम की दीवार गिराने के बाद आश्रम संचालकों और मेयर समर्थकों के बीच में लाठी डंडे चले और पथराव हुआ। झगड़ा सोशल मीडिया की सुर्खिया बना तो खबर पार्टी के शीर्ष नेताओं और मंत्रियों तक पहुंच गई। भाजपा के मंत्री सतपाल महाराज और मेयर के बीच का विवाद राजधानी देहरादून की गलियों में सुनाई देने लगा। अब चूंकि मामला मदन कौशिक के सबसे विश्वासपात्र मनोज गर्ग का था  इस विवाद को सुलटाने की जिम्मेदारी स्वाभाविक तौर पर मदन कौशिक के कंधों पर ही आ गई। अब ऐसी स्थिति में अपने खास मनोज गर्ग  के सम्मान को बरकरार रखना और पार्टी के ही केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखना मदन कौशिक का नैतिक दायित्व बन गया है। पूरे प्रकरण में मदन कौशिक को उगलते और निगलते नहीं बन रहा है। दोनों ही स्थिति में मदन कौशिक पूरी तरह से फंस गये है। मदन कौशिक बीच का रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हंै। बीच के रास्ते की पहली पहल उन्होंने गुरुवार की रात्रि आश्रम पहुंचकर की है।  पूरे घटनाक्रम पर विपक्ष पूरी तरह से शांत है।
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कूड़ा हटाने को लेकर भक्तों का दूसरे दिन भी अनशन जारी
हरिद्वार। सतपाल महाराज के आश्रम के मुख्य गेट पर नगर निगम की ओर से गिराये गये कूड़े के ढे“र को हटाने के लिये आश्रम के भक्तों का अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। सैकड़ों आश्रम भक्तों ने मेयर के इस कृत्य की निंदा की है। भक्तों का कहना है कि पहले आश्रम की दीवार को ध्वस्त किया गया फिर मुख्य द्वार पर कूड़ा गिरवाकर मेयर ने घटिया सोच का परिचय दिया है। जिसकी वह निंदा करते है। उन्होंने कहा कि जिसने कूड़ा गिराया वह ही इसको हटाने के लिये आयेगा तभी वह अनशन समाप्त करेंगे।
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