हरिद्वार। मंत्री समर्थकों और मेयर व उनके समर्थकों के बीच हुये मारपीट के प्रकरण में हकीकत से परदा तीसरी आंख उठायेगी। लाठी डंडों और पथराव के दौरान बनाये गये तमाम वीडियो फुटेज और फोटो पुलिस की जांच का हिस्सा बनेंगे। पुलिस इस प्रकरण में नतीजे पर पहुंचने के लिये घटनास्थल पर मौजूद लोगों के बयान दर्ज करेगी। कैमरों में कैद तमाम लोगों की शिनाख्त करने के बाद पुलिस सबसे पूछताछ करेगी। पुलिस इस केस में तीसरी आंख की पूरी मदद लेगी। जिसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचना पुलिस के लिये संभव होगा।
गुरुवार को प्रेम नगर पुल के पास केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के समर्थकों और नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग के बीच सरेराह लाठी डंडे और पथराव हुआ था। इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से करीब एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये थे। देर रात्रि इस प्रकरण में दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज करा दिया गया। हालांकि राजनैतिक पार्टियों की ओर से दर्ज मुकदमो का कोई अस्तित्व नहीं होता है। जनहित में सरकार इन मामलों को शासन स्तर पर खत्म कर देती है। वैसे भी भाजपा के कददावर मंत्री मदन कौशिक केस का पटाक्षेप करने में लगे है। वह दोनों पक्षों का समझौता करने की पुरजोश कोशिश कर रहे है। लेकिन फिर भी अगर पुलिस विवेचना की जाती है तो केस में तीसरी आंख का रोल अहम होगा। पुलिस के खूफिया विभाग की टीम घटनास्थल पर मौजूद लोगों को चिंहित करने में लग गई है। तमाम वीडियो फुटेज को जुटाया जा रहा है। इन वीडियों के आधार पर घटनास्थल पर मौजूद लोगों से पूछताछ की जा सकती है। पुलिस केस में किसी नतीजे पर पहुंचने के लिये तीसरी आंख का भरपूर उपयोग कर सकती है। जब इस संबंध में एसपी सिटी ममता बोहरा से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि केस की जांच में वीडियो रिकार्डिंग का अहम रोल है। विवाद का क्या कारण रहा और लोगों को किसने उकसाया तमाम सवाल अनसुलझे है। भीड़ को किसने उत्तेजित किया। ये सब जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा। पुलिस केस को सुलझाने में वीडियों की पूरी मदद लेगी।