भाजपा के केबिनेट मंत्री सतपाल और मेयर मनोज के समर्थकों में बीच खूनी संघर्ष




हरिद्वार। भाजपा के केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम के पीछे प्रेम नगर पुल के समीप अतिक्रमण की दीवार गिराने के दौरान मेयर मनोज गर्ग के समर्थकों और सतपाल समर्थकों के बीच सड़क पर में सरेराह लाठी, डंडे और पथराव हुआ। सड़क पर करीब पांच मिनट तक संघर्ष चलता रहा। जबकि हाईवोल्टेज ड्रामा करीब एक घंटे तक चलता रहा। दोनों पक्षों की ओर से चले लाठी डंडों और पथराव में दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोग घायल घायल हो गये। दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। दंगा होने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिये सड़क पर लाठियां फटकारी। जिसके बाद आश्रम समर्थक लोग आश्रम परिसर में चले गये। जबकि मेयर समर्थक लोग सड़क पर कुछ देर नारेबाजी करने के बाद शांत हो गये। दोनों पक्षों की ओर से घायलों ने मेडिकल कराया गया है। पुलिस ने दोनों पक्षों को कड़क लहजे में शांति व्यवस्था बनाकर रखने की चेतावदी दी है। हालांकि पूरा प्रकरण प्रदेश की भाजपा सरकार के मंत्री और मेयर के समर्थकों के बीच का है तो पार्टी स्तर पर सुलह के प्रयास होना स्वाभाविक है।
धर्मनगरी में गुरुवार की सुबह से ही जमकर  बारिश हुई। जिसके चलते रानीपुर मोड के आसपास का इलाका पूरी तरह जलमग्न हो गया। बारिश के पानी की निकासी को लेकर मेयर मनोज गर्ग अपने समर्थकों के साथ बुलडोजर लेकर सड़क किनारों से अतिक्रमण हटाने खुद सड़कों पर निकल गये। सिटी मजिस्ट्रेट जय भारत सिंह बुलडोजर पर सवार होकर खुद पानी की निकासी कराने लगे। इसी दौरान सिटी मजिस्ट्रेट बुलडोजर से हटकर दूसरे स्थान का जलभराव देखने चले गये। जबकि मेयर मनोज गर्ग अपने समर्थकों के साथ नालों की सफाई बुलडोजर से कराने लगे। बारिश के पानी की निकासी के लिये मेयर मनोज गर्ग ने केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम का अतिक्रमण किया हुआ गेट और दीवार को बुलडोजर से गिराने का आदेश बुलडोजर चालक को दे दिया। बुलडोजर चलाने वाले कर्मचारी ने गेट और दीवार आश्रम की ओर गिराकर पानी की निकासी  करने के लिये नाली की सफाई शुरू कर दी। इसी दौरान आश्रम के भीरत से एक कर्मचारी बुलडोजर चालक के पास आ गया। और चालक से अभ्द्रता करनी शुरू कर दी। जिसको लेकर मनोज गर्ग के समर्थक उत्तेजित होकर भड़क गये और जोर जोर से चिल्लाने लगे। आश्रम की ओर से कई अन्य लोग बुलडोजर की तरफ आने लगे। दोनों पक्षों की ओर से तनाव बढ़ने लगा। दोनों पक्षों के लोग उत्तेजना में आने लगे। आश्रम समर्थकों की भीड़ के लोगों ने दीवार गिराने का विरोध करना शुरू कर दिया। जबकि मेयर मनोज गर्ग के समर्थक शोर मचाने लगे। दोनों पक्षों की ओर से भीड़ लगातार बढ़ने लगी। तमाशबीनों की भारी भीड़ सड़क पर जुट गई। इसी दौरान किसी असामाजिक तत्व ने भीड़ की ओर एक डंडा फेंक कर मार दिया। जिससे दोनों पक्षों के लोग पूरी तरह से उत्तेजित हो गये। इसी बीच भीड़ में से किसी व्यक्ति ने मेयर मनोज गर्ग की पिटाई करने का शोर मचा दिया। आवाजे आने लगी कि आश्रम के लोगों ने मेयर की पिटाई कर दी है। जिसके बाद मेयर समर्थक भी पूरी तरह से उत्तेजना में आ गये। जिससे दोनों पक्षों के लोग पूरी तरह से उत्तेजित हो गये। भीड़ का माहौल एक प्रदर्शन की शक्ल लेने लगा। आश्रम के भीतर से कई अन्य सेवक भी डंडे और लोहे की रोड़नुमा सामान लेकर भीड़ का हिस्सा बनकर शोर मचाने लगे। इसी शोर शराबे के बीच मेयर से आश्रम समर्थकों की हाथापाई हो गई। मेयर की पिटाई की सूचना आग की तरह भीड़ में फैल गई। दोनों पक्षों की ओर से पथराव शुरू हो गया। लाठी डंडे बीच सड़क पर चलने लगे। चंद पुलिसकर्मी भीड़ को शांत करने का प्रयास करते रहे।  इस पूरे नाटकीय घटनाक्रम में दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोग लहूलुहान हो गये। इसी दौरान सूचना पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित किया। सड़क पर लाठियां भांजनी शुरू कर दी। मेयर मनोज गर्ग और सतपाल महाराज के आश्रम के लोगों को शांति व्यवस्था के लिये समझाना शुरू किया। जिसके बाद दोनों पक्षों ने शांति व्यवस्था को कायम किया। दोनों पक्षों के घायलों ने मेडिकल कराकर पुलिस को दे दिया है।
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भाजपा की अंर्तकलह को मिल गई हवा
हरिद्वार। अतिक्रमण हटाने सड़क पर आये मेयर मनोज गर्ग और केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के समर्थकों के बीच के खूनी संघर्ष ने भाजपा की अंर्तकलह को हवा दे दी है। भाजपा के ही केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और भाजपा के ही मेयर मनोज गर्ग  के बीच इस झगड़े ने भाजपा की किरकिरी करा दी है। अपनी ही पार्टी के लोगों को आपसी बीचचीत से हल करने वाली समस्या को लेकर एक दूसरे को उकसाकर लाठी डंडे चलाकर शहर की शांत फिजा में जहर घोलने का प्रयास किया गया। जिससे शहर के हर किसी की जुबां पर भाजपा के लोगों की निंदा की है।
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केबिनेट मंत्री के आश्रम के सेवकों को बताया गुंडा
हरिद्वार। मेयर मनोज गर्ग के  समर्थकों ने केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम के सेवकों को गुंडे बताकर मुर्दावाद के नारे लगाये। जल निकासी की समस्या से निजात दिलाने के दौरान हटाये गये अतिक्रमण हटाने को लेकर हुये विवाद में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के मंत्री के आश्रम के सेवकों को गुंडे बताकर सड़कों पर खुलेआम पार्टी की फजीहत करा दी। जबकि पुलिस पूरे घटनाक्रम पर मूकदर्शक बनी रही। पुलिस दोनों पक्षों को शांत कराने का प्रयास करती रही।
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महिला एसपी सिटी ने हाथ में लिया डंडा तो भीड़ हुई ठंडी
हरिद्वार। सड़कों पर सरेराह करीब पांच मिनट के पथराव और उत्तेजित भीड़ को काबू करने का काम पुलिस का एक निरीक्षक ही करता रहा। यातायात में निरीक्षक पद पर तैनात हितेंश कुमार भारी उत्तेजित भीड़ के बीच खुद की जान की परवाह करने बिना ही उत्तेजित लोगों को शांत रहकर बातचीत से हल निकालने प्रयास करता रहा। हालांकि पुलिस फोर्स की कमी ने उत्तेजित लोगों के हौसलों को और बुलंद कर दिया। इसी दौरान निरीक्षक की सूचना पर पहुंची एसपी सिटी ममता बोहरा अपने साथ ज्वालापुर कोतवाल अमरजीत, रानीपुर कोतवाल प्रदीप बिष्ट , कनखल कार्यवाहक एसओ महावीर रावत और हरिद्वार के थानों की पुलिस को लेकर घटनास्थल पर पहुंच गई। एसपी सिटी ममता बोहरा ने भीड़ को काबू करने के लिये हाथ में डंडा ले लिया। मैडम के सख्त तेवर देख भीड़ का जोश कम हो गया। दोनों पक्षों के लोग शांति से बातचीत करने को राजी हो गये।
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पुलिस फोर्स के बिना सड़क पर अतिक्रमण हटाने निकल गये मेयर
हरिद्वार। सड़कों से अतिक्रमण हटाने को लेकर निकले मेयर आखिरकार पुलिस फोर्स के बिना सड़क पर कैसे उतर गए यह एक बडा सवाल है। मेयर मनोज गर्ग ने पुलिस प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी। पुलिस फोर्स की कोई मदद भी नहीं ली गई। आखिरकार मेयर मनोज गर्ग ने केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम की दीवार को गिराने का निर्णय खुद ही लिया और आदेश भी खुद ही दिया। इस दौरान उन्होंने झगड़े को शांत करने का कोई प्रयास नहीं किया। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि मेयर मनोज गर्ग की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिये कोई सूचना पुलिस प्रशासन को नहीं दी। जब विवाद बढ़ गया तो जनता की सूचना पर पुलिस फोर्स घटनास्थल पर पहुंची। ऐसे हालात में जब भाजपा के ही केबिनेट मंत्री के आश्रम से अतिक्रमण हटाया जाना था तो इस झगड़े को हवा किसने दी। ये एक बड़ा सवाल है।
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मेयर के साथ किसने की मारपीट ये जांच के बाद होगा साफ
हरिद्वार। केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम के अतिक्रमण की दीवार गिराने और गेट तोड़ने के दौरान तक मेयर मनोज गर्ग के साथ किसी आश्रम समर्थक ने मारपीट और झगड़ा नहीं किया था। जबकि घटनास्थल पर एसडीएम भी मौजूद नहीं थे। सिटी मजिस्टेÑेट जय•ाारत सिंह भी मौके पर नहीं थे। आखिरकार ये बात किसने भीड़ में फैलाई कि मेयर की पिटाई कर दी है। जबकि मेयर मनोज गर्ग तो भीड़ के बीच में खुद ही मौजूद थे और उसके साथ सैकड़ों समर्थक वहां थे। ऐसे हालात में आश्रम के चंद सेवकों को किसने झगड़ा करने के लिये उकसाया। और भीड़ के बीच में डंडा किसने फेंक कर मारा। पुलिस पूरे मामले की जांच करने में लग गई है। इसी के साथ •ााजपाईयों की मंशा पर भी सवाल उठने लगा है कि वो जनता को अतिक्रमण से निजात दिलाने निकली थी या उनका ध्यान जल समस्या से भटकाने का था। बहराल पुलिस पूरे मामले की जांच करने के बाद ही हकीकत सामने आ सकेगी। लेकिन मेयर मनोज गर्ग का कहना है कि महाराज के समर्थकों ने उनके साथ मारपीट की। जिसके बाद उनके समर्थक आक्रोषित हो गये।
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प्रेस क्लब के पत्रकार ने निबाया इंसानियत का धर्म

हरिद्वार। केबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और मेयर मनोज गर्ग के समर्थकों के बीच हुये खूनी संघर्ष को शांत कराने में प्रेस क्लब हरिद्वार के वरिष्ठ पत्रकार नवीन चौहान ने महती •ाूमिका अदा की। नवीन चौहान ने पत्रकारिता धर्म के साथ इंसानियत धर्म का पालन करते हुये सतपाल महाराज के आश्रम के प्रबंधक पवन और आश्रम के सेवक सुशांत पाल को अपने सभी लोगों को आश्रम के भीतर ले जाने की सलाह दी। जिसके बाद सुशांत ने नवीन चौहान की सलाह मानते हुये स•ाी सेवकों को आश्रम परिसर में जाने को कहा। सुशांत ने बताया कि नवीन चौहान ने झगड़े को शांत कराने और बातचीत से हल निकालने की सलाह दी थी। उनकी सलाह पर स•ाी सेवक आश्रम के •ाीतर चले गये और विवाद शांत हो गया । आश्रम के करीब चार सेवक विजय •ाूषण, राधेश्याम,शिवानंद और सुरेश गं•ाीर रुप से घायल हो गये है। स•ाी का मेडिकल कराया गया है। सुशांत ने बताया कि आश्रम की दीवार को गिराने से पूर्व आश्रम संचालकों को सूचित किया जाना चाहिये था। मामले को संज्ञान में डाल देते तो विवाद नहीं होता। आश्रम के सेवकों को कुछ मालूम नहीं होता है। मेयर साहब शहर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि है उनसे ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती है।

मेयर मनोज गर्ग उपचार के लिये अस्पताल में भरर्ती
हरिद्वार। अतिक्रमण हटाने के दौान हुये खूनी संघर्ष में घायल हुये मेयर मनोज गर्ग प्राथमिक उपचार के लिये अस्पताल में भरर्ती हो गये है। जहां चिकित्सकों की टीम उनका उपचार कर रही है। वही दूसरे पक्ष के •ाी कई लोग घायल है जो प्राथमिक उपचार ले रहे है। मेयर मनोज गर्ग ने कहा कि दंगा फराद करने वाले आसामाजिक तत्वों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जायेगा।
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