मेरठ।
पिछले दिनों हुयी भारी वर्षा से जगह-जगह बाढ़ और जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। ऐसे में काफी समय तक पशुओं के पानी में खड़े रहने से खुर का गलना, लंगड़ापन, सांस के रोग और शारीरिक तनाव का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में पशुओं के उपचार में लापरवाही जानलेवा हो सकती है।
यह बात सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौधोगिक विश्वविद्यालय, मेरठ के अधिष्ठाता डॉ. राजीव सिंह ने पशुपालकों से कही। कृषि विवि और पशुपालन विभाग द्वारा इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड द्वारा प्रायोजित एम्बुलेंस परियोजना से मेरठ के ग्राम नवल, ब्लॉक परीक्षितगढ़ में निशुल्क पशु स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कुलपति डॉ. के.के. सिंह तथा पशुपालन विभाग के अपर निदेशक डॉ. अरुण जादौन के मार्गदर्शन में हुआ।
परियोजना के पथ-प्रदर्शक डॉ. राजवीर सिंह ने कहा कि बाढ़ की स्थिति में पशुओं को किसी ऊँचे स्थान पर बांधना चाहिए और दुधारू पशुओं से प्रतिदिन दूध निकालने से थनैला की सम्भावना कम हो जाती है। यदि बाढ़ की सम्भावना हो तो सभी प्रकार के कीटनाशकों को सुरक्षित स्थान पर रखें जिससे यह पानी में मिलकर उसको जहरीला न बना दें।
परियोजना प्रभारी डॉ. अमित वर्मा ने बाढ़ से दूषित पानी को कैल्शियम कार्बोनेट से उपचारित कर पशुओं के पीने योग्य बनाने की सलाह दी। शिविर में डॉ. अमित वर्मा, डॉ. अरबिंद सिंह, डॉ. अजीत कुमार सिंह, डॉ. विकास जायसवाल, डॉ. प्रेम सागर मौर्या, डॉ. आशुतोष त्रिपाठी आदि विशेषज्ञ डॉक्टरों ने 154 पशुओं की सावधानीपूर्वक जांच कर उचित उपचार प्रदान किया।
पशु चिकित्साधिकारी, ब्लॉक परीक्षितगढ़ डॉ. कपिल ने उपस्थित किसानों का स्वागत किया और पशुओं के नियमित स्वास्थ्य देखभाल के महत्व पर जोर दिया। ब्लॉक प्रमुख ब्रहम सिंह सहित अन्य किसानों ने शिविर के आयोजन के लिए कृषि विवि के प्रयासों की सराहना की और अन्य गावों में भी शिविर लगाने का अनुरोध किया।
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