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पूर्व मुख्यमंत्री व डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने हिंदी साहित्य जगत में ‘प्रकृति के सुकुमार कवि’ के नाम से विख्यात स्वर्गीय श्री सुमित्रानंदन पंत की जन्म जयंती के अवसर पर लेखक गाँव’ में काव्य पाठ की प्रस्तुति हेतु उत्तराखंड के विभिन्न विद्यालयों से नन्हे कवियों को काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया। स्कूली बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ अपनी अनूठी काव्य कला का प्रदर्शन करते हुए सभी का मन मोहा। डीएवी पब्लिक स्कूल देहरादून के बच्चों ने काव्य पाठ से सभी को अपनी ओर आकर्षित किया।

20 मई को लेखक गाँव, थानो की ओर से काव्य पाठ की प्रस्तुति हेतु भिन्न-भिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया।
जिसमें डीएवी पब्लिक स्कूल, देहरादून के चार विद्यार्थियों ने अलग-अलग श्रेणी के अंतर्गत भाग लिया। विद्यालय की कक्षा 2 की छात्रा गौरी जोशी, कक्षा चार के छात्र अधर्व पंवार, कक्षा सात के छात्र सानिध्य पूर्वाल तथा कक्षा बारहवीं के छात्र कार्तिकेय बर्तवाल ने सुमित्रानंदन पंत जी द्वारा रचित कविताओं का लयात्मक व सुमधुर पाठ कर खूब वाह-वाही बटोरी। यह काव्य गोष्ठी कक्षा 2 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए चार

वर्गों में आयोजित की गई थी। इस काव्य गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य आज के विद्यार्थी वर्ग को श्री सुमित्रानंदन पंत जी तथा उनके द्वारा रचित समृद्ध काव्य से परिचित करवाने के साथ-साथ उन्हें कविता लेखन के लिए प्रेरित करना था। इस कार्यक्रम में सम्मिलित सभी बच्चों ने श्री सुमित्रानंदन पंत जी को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से उनके द्वारा लिखी गई कविताओं का एक-एक कर पाठ किया।

विशेष रूप से उल्लेखनीय बात यह है कि उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने हेतु उपस्थित रहे और बच्चों का उत्साहबर्धन किया। कार्यक्रम के अंत में श्री निशंक ने विभिन्न विद्यालयों से आए सभी विद्यार्थियों व शिक्षकों की प्रशंसा की तथा उक्त विद्यालयों के प्रधानाचार्यो के प्रति आभार व्यक्त कर सभी को प्रमाण पत्र वितरित किए।

इस कार्यक्रम में इस बात पर विशेष रूप से ज़ोर दिया गया कि बच्चे अपनी कल्पना शक्ति का प्रयोग करते हुए कविताओं की रचना करने की दिशा में उन्मुख हों। डीएवी पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती शालिनी समाधिया जी ने कार्यक्रम से लौटने पर सभी बच्चों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएँ दीं।