नवीन चौहान
केंद्र सरकार व तमाम प्रशासन के अधिकारी जिस जनता को कोरोना के वायरस से सुरक्षित बचाने के लिए पूरी संजीदगी से जुटे है। वो जनता खुद मौत से पंगा ले रही है। भीड़ में प्रवेश कर रही है। भीड़ में एक दूसरे से मिल रही है। कुछ स्थानों पर तो जनता के पुलिस के उलझने के मामले भी देखने को मिले। ऐसे में जनता को कौन समझाए कि आपकी अपनी सुरक्षा खुद अपने हाथ में है। इसलिए जिनती दूरी बनाएगे उतने ही सुरक्षित रहेंगे।
24 मार्च की सुबह हरिद्वार में 10 बजे से पुलिस ने सड़कों पर मोर्चा संभाल लिया। पुलिस धारा 144 का पालन कराने में जुट गई। लेकिन जिस जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस सड़कों पर है। वह जनता खुद पुलिस से पंगा लेने के लिए बाहर आ रही है। कार और दो पहिया वाहन में सवार होकर पुलिस से बैरियर हटाने की मांग करे है। अपने रसूक का प्रभाव जमा रहे है। कोई बीमारी का बहाना तो कोई पारिवारिक मजबूरी पुलिस को गिना रहा है। पुलिस है कि उनकी सुरक्षा के लिए उनको ही समझा रही है। ऐसे में सभी लोगों ने निवेदन है कि कोरोना के प्रभाव को इंटरनेट पर देंगे। फिर इसके इलाज को समझे। अगर कुछ समझ में आ जाए तो ठीक है। बरना घर में बैठे रहो। लेकिन प्लीज बाहर मत निकलो और ना ही किसी के लिए मुसीबत का कारण बनो।