नवीन चौहान
पुलिस कस्टडी से फरार आरोपी को गिरफ्तार करने में पुलिस ने सात माह बाद सफलता पाई है। अदालत में पेशी कराने के बाद लौटते समय आरोपी पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था। जिसके बाद उस पर 25 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। आरोपी प्रवीण पर 14 से अधिक मुकदमे दर्ज है जबकि 50 से अधिक ठगी की वारदात को अंजाम दे चुका है। आरोपी के कब्जे से एक तमंचा दो कारतूस व अपाचे बाइक बरामद की गई है। आरोपी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी ने ढाई हजार और आईजी ने पांच हजार का इनाम देने की घोषणा की है।
एसएसपी जन्मेजय खण्डूरी ने पुलिस कंट्रोल रूम में आरोपी प्रवीण डागर की गिरफ्तारी के बारे में पत्रकारों को बताया। एसएसपी ने बताया 30 अक्टूबर 2018 को धोखाधड़ी व आईटी एक्ट के मुकदमे में रूड़की जेल में बंद आरोपी प्रवीण डागर उर्फ डिम्पी उर्फ डेग को पुलिस अभिरक्षा में रूड़की जेल से राजस्थान के दौसा जिला स्थित सिकराय अदालत में पेश करने के लिए ले जाया गया था। राजस्थान से वापस लौटते समय प्रवीण डागर नजफगढ़ दिल्ली में पुलिसकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया था। पुलिस ने सरगर्मी से उसकी तलाश की। लेकिन कोई पता नही चल पाया। आरोपी प्रवीण डागर की तलाश में जुटी पुलिस ने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। जिसके चलते पुलिस को प्रवीण डागर के रूड़की आने की सूचना मिली। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने नहर पटरी नसीरपुर के पास घेराबंदी कर अपाची मोटरसाईकिल पर सवार प्रवीण डागर को दबोच लिया। एसएसपी ने बताया कि तलाशी के दौरान 315 बोर का एक तमंचा, 2 कारतूस बरामद हुए। बाईक पर फर्जी नंबर प्लेट लगाई हुई थी। बाईक को भी सीज कर दिया गया।
एसएसपी ने बताया कि गिरोह बनाकर एटीएम क्लोनिंग व फ्राड संबंधित अपराधों को अंजाम देने वाला प्रवीण डागर पुत्र सूरजभान निवासी ग्राम जड़ोदा कला थाना बाबा हरिदास नगर नई दिल्ली शातिर किस्म का अंतर्राज्यीय अपराधी है। उसके खिलाफ विभिन्न प्रदेशों में 50 से अधिक मुकद्मे दर्ज हैं। एसएसपी ने आरोपी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को ढाई हजार तथा आईजी ने पांच हजार रूपए का ईनाम देने की घोषणा की है। आरोपी को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में सीआईयू प्रभारी रविन्द्र कुमार, उपनिरीक्षक लोकपाल परमार, कांस्टेबल सुरेश रमोला, महीपाल, देवेंद्र ममगई, नितिन, प्रभाकर, लालसिंह आदि शामिल