सोनी चौहान
हरिद्वार में चलाये जा रहे “ऑपरेशन मुक्ति” अभियान के दौरान 25 अक्टूबर को भिक्षावृत्ति में लिप्त हरकी पैड़ी पर दो बालक ऑपरेशन मुक्ति अभियान में लगी टीमों को लावारिस अवस्था में प्राप्त हुए। ये बालक अपने परिजनों को बिना बताये घर से चले आए थे। हरकी पैड़ी क्षेत्र के अंतर्गत भीख मांग कर गुजर-बसर कर रहे थे। टीम द्वारा बालकों की मौके पर काउंसलिंग की गई तो बालकों ने बताया गया कि साहब हम लोग अपने परिजनों को बिना बताये हरिद्वार चले आए थे। यहां भीख मांग कर अपना पेट पाल रहे हैं। बालकों ने अपना नाम सूरज पुत्र मोहन लाल उम्र 16 वर्ष निवासी बत्रा कॉलोनी पानीपत हरियाणा, करण पुत्र नामालूम उम्र 14 वर्ष निवासी व्यास पंजाब बताया।
ऑपरेशन मुक्ति की टीम ने पुरी कार्यवाही करने के बाद सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया। सीडब्ल्यूसी के आदेश पर दोनो बालकों को बाल गृह रोशनाबाद में आश्रय दिलवाया गया है। बालको के द्वारा जो पता बताया गया था वहां जा कर पुलिस की टीम बच्चों के परिजनों की तलाश की शुरू की। काफी प्रयास के बाद पुलिस अपने प्रयास में सफल रही और बालक सूरज पुत्र मोहनलाल निवासी बत्रा कॉलोनी पानीपत हरियाणा के परिजनों को ढूंढ लिया गया है। पुलिस ने 26 अक्टूबर को बालक सूरज को सकुशल परिजनों की सुपुर्दगी में दिया गया। परिजनों द्वारा उत्तराखंड पुलिस की भूरी भूरी प्रशंसा की गई तथा सराहना की गई । बालक को पाकर परिजनों के आंसू छलक आए।