नवीन चौहान.
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मंगलवार को सचिवालय में हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेन्द्रजीत सिंह बिन्द्रा ने भेंट की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की अपेक्षानुसार हेमकुंड साहिब मेनेजमेंट ट्रस्ट द्वारा इस वर्ष हेमकुंड साहिब के कपाट एक जून के बजाय 10 मई, 2021 को खोलने का निर्णय लिया गया है।
इस प्रकार अब हेमकुंड साहिब की यात्रा 10 मई से आरम्भ हो जायेगी। गत वर्ष यात्रा कोविड के कारण बाधित रही थी, अतः इस वर्ष 10 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खोलने का निर्णय ट्रस्ट द्वारा लिया गया है। समय से पहले हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने से श्रद्धालुओं को दर्शन का सीधा लाभ प्राप्त होगा।
हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यह हिमालय में 4632 मीटर (15,200 फुट) की ऊँचाई पर एक बर्फ़ीली झील के किनारे सात पहाड़ों के बीच स्थित है। इन सात पहाड़ों पर निशान साहिब झूलते हैं। इस स्थान का उल्लेख गुरु गोबिंद सिंह द्वारा रचित दसम ग्रंथ में आता है। इस कारण यह उन लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है जो दसम ग्रंथ में विश्वास रखते हैं।
इस दर्शनीय तीर्थ में चारों ओर से बर्फ़ की ऊँची चोटियों का प्रतिबिम्ब विशालकाय झील में अत्यन्त मनोरम एवं रोमांच से परिपूर्ण लगता है। इसी झील में हाथी पर्वत और सप्त ऋषि पर्वत श्रृंखलाओं से पानी आता है। एक छोटी जलधारा इस झील से निकलती है जिसे हिमगंगा कहते हैं। झील के किनारे स्थित लक्ष्मण मंदिर भी अत्यन्त दर्शनीय है। अत्याधिक ऊँचाई पर होने के कारण वर्ष में लगभग ७ महीने यहाँ झील बर्फ में जम जाती है। फूलों की घाटी यहाँ का निकटतम पर्यटन स्थल है।
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