नवीन चौहान
भाजपा सरकार में गाय भूख से तड़पती दिखे। ये बात सुनने में थोड़ा अजीब सी लगती है। वो भी तब जब खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गायों से बेहद लगाव रखते है। गायों की पूजा करते है और उनकी सेवा करते है। गायों की रक्षा के लिए गौ संरक्षण कानून तक पारित किया हुआ है। ऐसी सरकार के राज में गाय माता का कूड़े के ढेर पर पेट भरने के लिए भोजन तलाशना बेहद ही शर्मनाक है। सरकार जब गायों की रक्षा कर रही है तो गायों के लिए चारे की व्यवस्था भी करनी होगी।
उत्तराखंड में भाजपा के सत्ता पर काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में गायों की रक्षा के लिए गौ संरक्षण अधिनियम पारित किया। इस अधिनियम के तहत गायों की रक्षा करने का संकल्प किया गया। पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जनपदों में पुलिस टीम गठित की गई। गोकशी करने वाले ठिकानों पर दबिश दी जाने लगी। पुलिस ने तस्करों पर शिकंजा कसा और गायों की रक्षा होने लगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस प्रयास की सराहना की जाने चाहिए कि उनके प्रयासों के चलते करीब ढाई सालों के भीतर काफी संख्या में लावारिश गायों को जीवनदान मिला और गोतस्करी पर काफी हद तक अंकुश लगा। अपराधियों में पुलिस का खौफ दिखाई देने लगा। सरकार के प्रयासों से गायों को जीवनदान तो मिल गया लेकिन भोजन के लिए गाय लावारिश भटकने लगी। लेकिन सरकार की स्थिति उस वक्त ज्यादा विकट हो गई जब इस लावारिश गायों को चारे की व्यवस्था के लिए ठोस व्यवस्था नही बन पाई। लावारिश गायों के भूखे भटकने की पोल से जगजीतपुर राजा गार्डन के मुख्य द्वार के समीप बने कूड़े के ढेर पर देखी जा सकती है। जहां रोजाना दर्जनों लावारिश गाय अपना पेट भरने पहुंचती है। गाय इस कूड़े के ढेर से अपने लिए भोजन की तलाश करती है। भाजपा सरकार में गायों की दुर्दशा बेहद ही चिंतनीय है। अगर हरिद्वार जैसे जिले में गायों की ये हालत है तो दूसरे जिलों की स्थिति बेहद ही विकट होगी। हरिद्वार में सैंकड़ों की संख्या में आश्रम है। जबकि समाजसेवी संस्थाओं की संख्या भी सर्वाधिक है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत को गायों के चारे की व्यवस्था के लिए कोई रणनीति बनानी होगी। शासकीय प्रवक्ता और केबिनेट मंत्री मदन कौशिक से इस संबंध में बात करने का प्रयास किया लेकिन मीटिंग की व्यस्तता के चलते बात नही हो पाई। जैसे ही बात होगी उसका बयान प्रकाशित किया जायेगा।