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स्वभाव में कोमलता परंतु हौसलों में दृढ़ता और शक्ति से संपन्न नारी सामाजिक संरचना में मेरुदंड के समान महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नारी के बिना समाज में व्यवस्था और संगठन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। कोमल है कमज़ोर नहीं है, शक्ति का नाम ही नारी है। विश्वभर में नारी शक्ति को सम्मान देने के लिए प्रत्येक वर्ष 8 मार्च के दिन को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। डीएवी पब्लिक स्कूल देहरादून के प्रांगण में भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरे धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्कूल की मातृशक्ति को सम्मानित किया गया।

डीएवी पब्लिक स्कूल देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाने हेतु विद्यालय की महिला कर्मचारियों व शिक्षिकाओं को प्रधानाचार्या श्रीमती शालिनी समाधिया जी ने शुभकामनाएँ दीं तथा भेंट स्वरूप मिष्ठान सहित शुभकामना संदेश-पत्र एवं जीवन में सदा उत्साहित बने रहने के प्रतीक स्वरूप एक पौधा प्रदान किया गया। हँसी-खुशी के इन क्षणों को सामूहिक छायाचित्र ने यादगार बना दिया। कोमलता के प्रतीक गुलाबी रंग के परिधानों में सजी-धजी शिक्षिकाओं ने अपनी उपस्थिति से माहौल को अत्यंत जीवंत एवं नवीन ऊर्जा से भर दिया।

इस अवसर पर प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया जी ने कहा कि समाज, देश तथा विश्व के प्रत्येक घर में नारी शक्ति का प्रतीक बनकर सामने आई है। बहन, माँ, पत्नी, पुत्री, आदि के रूप में महिलाएं अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करती है और प्रत्येक रूप में नारी समाज के लिए सम्माननीय एवं वंदनीय है। नारी के बिना यह समाज अपूर्ण एवं शक्तिहीन है। इस अवसर को और भी अधिक विशेष बनाते हुए विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रधानाचार्या शालिनी समाधिया जी को भी सम्मानित किया गया।
डीएवी स्कूल के बच्चों में शिक्षा और संस्कारों का दीप प्रज्जवलित करने वाली मातृ शक्ति का प्रतीक शिक्षिकाओं ने एक दूसरे को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी।