न्यूज 127.
धर्मनगरी हरिद्वार में रेलवे स्टेशन को भी अवैध कब्जा करने वालों ने नहीं छोड़ा। यहां भी अवैध कब्जे कर दुकानें सजा ली गई हैं। चिंताजनक बात ये हैं कि रेलवे स्टेशन के गेट नंबर 3 और 4 पर इस कदर कब्जा है कि यदि कोई आपदा या आपात स्थिति आए तो इन गेटों का इस्तेमाल संभव नहीं हैं। इस अतिक्रमण से धर्मनगरी की छवि भी धूमिल हो जाती है।

ठेली खड़ा कर बना लिए स्थायी ठिये
हरिद्वार रेलवे स्टेशन के बाहर अतिक्रमण का ये हाल है कि गेट नंबर तीन और चार का वजूद ही समाप्त हो गया है। इन दोनों गेटों के बाहर अवैध कब्जा और अतिक्रमण कर ठेली वालों ने अपने ठिये बना लिए हैं। बकायदा यहां तिरपाल डालकर स्थायी व्यवस्था कर ली गई है। टेबल, बेंच और स्टूल बिछा दिये गए हैं। ऐसा होने से अब पता ही नहीं चलता कि रेलवे स्टेशन का गेट नंबर तीन और चार कहां है। ऐसे में यदि आपात स्थिति में इन दोनों गेटों का इस्तेमाल अचानक करना पड़े तो संभव नहीं होगा। इस अतिक्रमण पर जिम्मेदार आंखें बंद किये बैठे हैं।

अभियान के बाद फिर लग जाते हैं ठिये
अतिक्रमण को हटाने के लिए स्थानीय पुलिस और नगर निगम अभियान भी चलाती है, लेकिन यह अभियान महज खानापूर्ति बनकर रह जाते हैं। पुलिस सड़क पर फड़, रेहड़ी ठेली वालों के चालान काटकर अपनी ड्यूटी पूरी करती है तो नगर निगम की टीम एक दिन सामान हटवाकर फिर खामोश हो जाती है। इसका असर यही होता है कि अभियान के चंद घंटे बाद ही फिर से ठीये सजने लगते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां का अतिक्रमण धर्मनगरी की छवि को प्रभावित कर रहा है। यदि यहां से अतिक्रमण स्थायी रूप से समाप्त हो जाए तो यात्रियों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

फुटपाथ पर भी अवैध कब्जा
रेलवे स्टेशन की ओर सड़क से अवैध कब्जे हटाने और सड़क को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए रेलिंग लगाने का कार्य भी किया जा रहा है, लेकिन फड़ ठेली वालों ने अब रेलिंग के पीछे फुटपाथ पर अपने ठीये सजा लिए हैं। फुटपाथ पर उनकी दुकानें सजने से अब पैदल चलने के लिए रास्ता नहीं बचा है। जिससे शहर के फुटपाथों का वजूद ही समाप्त होता जा रहा है।