नवीन चौहान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कहानी सुनाई तो वह पहेली बन गई। उसके सियासी मायने निकाले जाने शुरू हो गए। भाजपा के ही नेता इस कहानी के पात्रों की कल्पना में खो गए। हालांकि यह किस्सा महज उन्होंने मनोरंजन के रूप में सुनाया। लेकिन इस कहानी के पीछे की वजह उत्तराखंड के बीते दिनों की सियासत से जुड़ी है।
हालांकि कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2017 में विधानसभा में जीत दर्ज करने के बाद मंत्री बनने के जोर आजमाइश करने का भी खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वह मंत्री बनने के लिए अपने निकटवर्ती लोगों से कोशिश करने में जुटे थे। ऐसी ही कोशिश उन्होंने तीरथ सिंह रावत की सरकार में मंत्री बनने के दौरान भी की। लेकिन इस बार तो वह अपने कपड़े समेटकर खटीमा जाने की तैयारी कर चुके थे। सूटकेश में कपड़े भी रख लिए थे। लेकिन संगठन ने उनको मुख्य सेवक का दायित्व सौंप दिया। आप खुद सुनिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कहानी। चार विद्धान ब्राहृणों का किस्सा और बताईए कि समझदार कौन।