नवीन चौहान.
विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को आने है। 10 मार्च को पता चलेगा कि सरकार कौन सी पार्टी की बनेगी। ऐसे में प्रदेश में माफिया लॉबी भी असमंजस में है कि किस पार्टी की ओर अपना रूख करें।
बात चाहे खनन माफिया की हो या फिर शराब माफिया की। सभी की नजर सरकार पर रहती है। हर कोई चाहता है कि सरकार ऐसी आए जिसमें उनक काम आसानी से हो सके। माफिया अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए सरकार की ओर अपना झुकाव रखते हैं।
चुनाव के दौरान भी माफिया लॉबी दोनों तरफ झुकी दिखी। सूत्रों की मानें तो चुनाव में भी माफिया गुटों ने दोनों ही प्रमुख पार्टियों को सपोर्ट किया, ताकि सरकार चाहे जिसकी बने लेकिन उन्हें दिक्कत न हो। माना यही जा रहा है कि अभी क्योंकि स्थिति स्पष्ट नहीं है तो ऐसे में माफिया लॉबी में संकट है कि वह किसकी ओर अपना झुकाव करें।
खनन माफिया भी देख रहे हैं कि सरकार किसकी आती है। ये सब जानते है कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार पर काफी अंकुश लगा, घोटाले भी सामने नहीं आए। सूत्रों की मानें तो माफिया लॉबी कांग्रेस को अपनी मुरीद सरकार मानती है, वहां पैसों के दम पर काम हो जाते हैैं, जबकि भाजपा सरकार में ऐसा नहीं हो पाता।
भाजपा में इस बार भी सीएम पुष्कर सिंह धामी का चेहरा सामने किया गया है जबकि कांग्रेस में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऐसे में माफिया लॉबी फिलहाल दोनों ही दलों के नेताओं के यहां चक्कर काट रहे हैं। अब देखना है कि 10 मार्च को परिणाम आने के बाद किसकी सरकार बनेगी।