नवीन चौहान, हरिद्वार।
डबल इंजन की सरकार के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अटल आयुष्मान योजना लागू कर प्रदेश की जनता का दिल जीत लिया हैं। इस योजना के मुरीद कांग्रेसी समर्थक भी है। पर कर्ज में डूबे प्रदेश में इस योजना का लागू कराने में सरकार के सामने बड़ा आर्थिक संकट है। करीब 50 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी उत्तराखंड सरकार किस तरह से इस योजना को धरातल पर उतार पायेगी ये बड़ा सवाल है। हालांकि विभिन्न राजनैतिक पार्टियों से जुड़े लोग अटल आयुष्मान योजना की तारीफ कर रहे है। बस सरकार के मुखिया को देखना होगा कि पूरी पारदर्शिता से इस योजना का लाभ जनता को मिलता रहे। निजी अस्पताल इसमें लूट खसोट ना कर पाए। निजी अस्पताल अपनी जेब भरने के लिए सरकार और मरीजों के साथ धोखा ना करें।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात दी। उन्होंने प्रदेशवासियों को अटल आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख की राशि तक इलाज मुफ्त देने की घोषणा की। जिसके लिए उत्तराखंड के अच्छे निजी अस्पतालों को पैनल में रखा गया। इस योजना का लाभ लेने वालों नागरिकों को एक गोल्डन कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। इस योजना की घोषणा के बाद भाजपा के अलावा कांग्रेसी समर्थक और सपा व बसपा से जुडे तमाम समर्थक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुरीद हो गए। जनता ने मुख्यमंत्री की इस योजना को काफी सराहा और बड़े स्तर पर गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। एक कांग्रेसी नेता ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बहुत अच्छा कार्य कर रहे है। इस योजना के लागू होने के बाद गरीब और मध्यवर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। गरीबों को इलाज के लिए अपना घर और गहने नहीं बेचने पड़ेगे। बताते चले कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अटल आयुष्मान योजना लागू कर एक बहुत ही अच्छी पहल की है और अपनी दूरदर्शिता का परिचय भी दिया है। अब देखना है कि इस योजना को लागू करने के बाद उत्तराखंड सरकार इस योजना में खर्च होने वाली राशि के लिए किस प्रकार आर्थिक संसाधनों की व्यवस्था करती है। क्योकि उत्तराखंड प्रदेश करीब 50 हजार करोड़ के बोझ तले दबा है। इस कर्ज के ब्याज की राशि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में आर्थिक संकट पैदा करती है। ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दोहरी चुनौतियों से पार पाना होगा। प्रदेश में आर्थिक संकट के बादल भी ना मंडराये और जनता को अटल आयुष्मान योजना का लाभ भी मिलता रहे।