मेरठ वाली धर्मशाला की अवैध खरीद फरोख्त की सीबीआई जांच की मांग




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न्यूज 127.
राष्ट्रीय धर्मशाला सुरक्षा समिति के अध्यक्ष महेश गौड़ ने सिटी मजिस्ट्रेट हरिद्वार के सहायक प्रमोद पंत के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन के माध्यम से श्रवण नाथ नगर में विक्रय की गई मेरठ वाली धर्मशाला की रजिस्ट्री निरस्त कर सीबीआई जांच की मांग की गई है।

ज्ञापन में उन्होंने कहा कि तीर्थ नगरी हरिद्वार एक धार्मिक और आध्यात्मिक नगरी है। जिसका अस्तित्व यहां की आश्रमों, धर्मशालाओ और अखाड़ों से है लेकिन यहां के भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि हरिद्वार की प्राचीन धर्मशालाओं पर है, जिन्हें वे औने पौने दामों पर खरीद कर होटल में परिवर्तित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी चैरिटेबल ट्रस्ट और धार्मिक संपत्ति को खरीदने और बेचने के लिए जिला जज से अनुमति लेना आवश्यक है। इसके बावजूद किसी भी प्रकरण में ऐसा नहीं किया जा रहा है। लेकिन यहां के भूमाफिया अधिकारियों और रजिस्ट्रार से मिलकर धर्मशाला और आश्रमों को लगातार खरीद रहे हैं। पूर्व में भी कई धर्मशालाए इसी प्रकार अवैध रूप से खरीदी गई जिन्हें होटलो में परिवर्तित किया जा चुका है।
धर्मशाला सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय महामंत्री विकास तिवारी ने कहा की मेरठ वाली धर्मशाला को लेकर लगभग ढाई दशकों पूर्व तत्कालीन प्रबंधक राम प्रकाश शर्मा की भी नृशंस हत्या की गई थी। भूमाफियाओं के हौसले आज भी बुलंद है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर इस पूरे प्रकरण की जांच नहीं की गई और रजिस्ट्री निरस्त नहीं की गई तो समिति के पदाधिकारी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे और रजिस्ट्रार कार्यालय का भी घेराव करेंगे।
ज्ञापन प्रेषित करने वालों में कोषाध्यक्ष शिवकुमार शर्मा, रमेश मिड्ढा, हीरालाल शर्मा, क्षेत्रीय धर्मशाला प्रबंधक समिति के अध्यक्ष भीमसेन, महामंत्री डॉ हर्षवर्धन जैन, अमित शर्मा, सोनू शर्मा, सुनील तिवारी, गुरु बचन आदि उपस्थित रहे।



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