गगन नामदेव
उत्तराखंड में एक अपूर्णीय क्षति हुई। प्रख्यात शिक्षाविद अंतरराष्ट्रीय वनस्पति वैज्ञानिक डॉ रणवीर सिंह रावल के निधन पर श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय व माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिक के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने अश्रुपूरित नेत्रों से अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश ने एक महान वैज्ञानिक खो दिया है।
श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय एवं वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ रणवीर सिंह रावल का निधन हिमालई पर्यावरण विशेषकर जैव विविधता विविधता संरक्षण एवं संबद्र्धन के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने बताया कि वह गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान ,कोसी कटारमल अल्मोड़ा (जो कि पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार का एक स्वातंत्र्य शास्त्री संस्थान है के निर्देशक थे। डॉ रावल एक प्रख्यात अंतरराष्ट्रीय वनस्पति वैज्ञानिक थे और वह हिमालय क्षेत्र में जैव विविधता के कर्मठ विद्वान के रूप में जाने जाते थे। बेहद ईमानदार मृदुभाषी और कर्तव्यनिष्ठ डॉक्टर रावल की शैली थी। वह दुनिया के उन गिने-चुने वैज्ञानिकों में थे, जिन्होंने जैव विविधता के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु बहुत ही उच्च कोटि का शोध और विकासात्मक कार्य किया। संस्थान के वैज्ञानिकों को डॉक्टर रावल के जीवन से प्रेरित होकर संस्थान को अंतर्राष्ट्रीय संस्थान बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। यही हम सभी की डॉक्टर रावल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। डॉक्टर पीतांबर प्रसाद ध्यानी ने बताया कि वह गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान के पूर्व निदेशक रह चुके हैं और उनके कार्यकाल में ही यह संस्थान राष्ट्रीय संस्थान के रूप में भारत सरकार द्वारा उच्चीकृत किया गया था। उन्होंने अपने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।