चारधाम यात्रा पर लगी रोक हाईकोर्ट ने हटायी, कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और दो वैक्सीन का सर्टिफिकेट ले जाना होगा




नवीन चौहान.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर लगी रोक हाईकोर्ट ने हटा दी है। लंबे समय से प्रदेश के लोग चारधाम यात्रा से रोक हटाने की मांग सरकार से कर रहे थे।

16 सितंबर को हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा को लेकर हुई सुनवाई पर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए लंबे समय से चार धाम यात्रा पर लगी रोक को हटा दिया है ऐसे में अब जल्द ही चारधाम की यात्रा शुरू हो सकती है। उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर लगाई गई रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त या यात्रियों, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्रि में 600, यमनोत्री धाम में कुल 400 यात्री जाने की अनुमति दी है।

बता दें कि 26 जून को नैनीताल हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चार धाम की यात्रा पर रोक लगा दी थी। हालांकि, उस दौरान नैनीताल हाईकोर्ट ने तर्क दिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं है। जिसके बाद से ही चारधाम यात्रा पर रोक बरकरार थी।

चार धाम यात्रा को संचालित किए जाने को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अधिक समय लगने की वजह से राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को वापस ले लिया था और 10 सितंबर को हाईकोर्ट में अनुरोध पत्र दाखिल किया था। जिस पर हाईकोर्ट ने 16 सितंबर को सुनवाई करने की बात कही थी।

न्यायालय ने निर्देश दिये हैं कि हर श्रद्धालु या यात्री को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और दो वैक्सीन का सर्टिफिकेट ले जाना होगा। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवयश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा है। भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।



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