INDIRA SECURITY SCAM: एसटीएफ की टीम ने दिल्ली से किये दो गिरफ्तार




नवीन चौहान.
इंदिरा सिक्योरिटी के नाम पर राष्ट्रीय घोटाले में दो और बड़ी गिरफ्तारियां दिल्ली से की गई है।फर्जी जीएसटी फर्म एवं फर्जी इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड घोटाला करने का प्रकरण सामने आने के बाद यह गिरफ्तारियां हुई है। गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा अनेक संदिग्ध फर्जी फर्म को पंजीकृत किया गया था। पूर्व में इसी अभियोग में देश में एम2एम सिम के माध्यम से अपराध का राष्ट्रीय सुरक्षा का सनसनीखेज गंभीर मामला सामने आया था। फर्जी कंपनी के खाते में संदिग्ध 6.33 करोड़ के ठगी से प्राप्त लेनदेन प्रकाश में आय है।

मुख्यमन्त्री उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी महोदय के “VISION सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण” के अन्तर्गत व पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड अभिनव कुमार के दिशा निर्देशन में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि कुछ दिवस पूर्व एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें देहरादून निवासी शिकायतकर्ता फेसबुक माध्यम से एक वह्ट्सएप ग्रुप “T Rowe Price stock pull up group A82” में एड हुआ जहां स्टॉक ट्रेडिंग के बारे में जानकारी दी जा रही थी जिसके पश्चात अज्ञात व्यक्तियों द्वारा शिकायतकर्ता से सम्पर्क कर स्वंय को Indira Securities कम्पनी से बताकर ट्रेडिंग हेतु शिकायतकर्ता का खाता खुलवाया गया एवं अन्य वह्ट्सएप ग्रुप “INDIRA Customer care- A303” में एड कर एप डाउनलोड करने हेतु लिंक दिया गया जहां स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश कर लाभ कमाने के नाम पर शिकायत कर्ता से भिन्न-भिन्न तिथियों में भिन्न-भिन्न लेन देन के माध्यम से कुल 80,00,000/- रुपये की धोखाधड़ी की गयी।

इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 11/24 धारा 420,120 बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया। इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुये अनावरण हेतु साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया । जिसकी विवेचना साइबर थाने के निरीक्षक विकास भारद्वाज के सुपुर्द की गयी।

उपरोक्त अभियोग की विवेचना में पूर्व में प्रकाश में आया था कि जिन मोबाईल नम्बरों से वादी को व्हाट्सएप कॉलिंग की गयी थी वह XENO TECHNOLOGY के नाम से मुदस्सिर मिर्जा पुत्र जुबैर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट चाँदनी महल दिल्ली के द्वारा प्राप्त किये गये थे जिसकी तलाश में एक एस0टी0एफ0 टीम को दिल्ली भेजा गया तो स्थानीय स्तर पर टीम द्वारा जानकारी एकत्रित करने के पश्चात उक्त मुदस्सिर मिर्जा को थाना चाँदनी महल क्षेत्र दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था तथा उसके कब्जे से लगभग 3000 सिम बरामद हुये थे। उसके द्वारा कोरपोरेट आईड़ी के नाम पर हजारों सिम ISSUE कराये गये, जिनका प्रयोग व्हाटसएप पर अपने बिजनेस की मार्केटिंग करने हेतु करना बताया गया।

इसके लिये उसके द्वारा मुम्बई, बोरीवली में एक ऑफिस किराये पर लिया और अपने कोरपोरेट आईड़ी पर अलग अलग समय पर एयरटेल से कुल 29,000 सिम, वोडाफोन-आईडिया के 16000 सिम कार्ड खरीदे गये जिन सिमों को उसके द्वारा अपने अलग-अलग एजेण्टों को वितरित कर दिया गया। उसके पास लगभग 3000 एयरटेल के सिम कार्ड बचे हुये थे जो पुलिस टीम द्वारा बरामद किये गये थे । एस0टी0एफ0 को पकडे गये अभियुक्त द्वारा आगे की महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयी जिस पर त्वरित कार्यवाही के लिये एस0टी0एफ0 की टीमों को विभिन्न स्थानों पर रवाना किया गया।

पुलिस टीम द्वारा गहन तकनीकी विश्लेशण व साक्ष्य संकलन कर अभियोग में 02 आन्य साथियों दीपक अग्रवाल पुत्र स्व0 घनश्याम अग्रवाल निवासी 26/83 अम्बेडकर गली नं0-10 विश्वाश नगर नियर शर्मा समोसे वाला दिल्ली उम्र-47 वर्ष व गौरव गुप्ता पुत्र स्व0 राजेन्द्र गुप्ता निवासी एमबी-120 सकरपुर दिल्ली, उम्र-35 वर्ष को आईटीओ दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।

पूर्व में गिरफ्तार अभियुक्त
1-मुदस्सिर मिर्जा पुत्र जुबैर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट चाँदनी महल दिल्ली उम्र-29 वर्ष

गिरफ्तार अभियुक्त
(1)- दीपक अग्रवाल पुत्र स्व0 घनश्याम अग्रवाल निवासी 26/83 अम्बेडकर गली नं0-10 विश्वाश नगर नियर शर्मा समोसे वाला दिल्ली उम्र-47 वर्ष
(2)- गौरव गुप्ता पुत्र स्वं राजेन्द्र गुप्ता निवासी एमबी-120 सकरपुर दिल्ली, उम्र-35 वर्ष,

अपराध का तरीकाः-
अभियुक्त गण द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी कम्पनी तैयार कर उसके नाम पर सिम प्राप्त कर उन फर्जी सिमों के माध्यम से अपनी फर्जी वैब साईट पर स्वंय को “Indira Securities कम्पनी” के कर्मचारी / अधिकारी बताते हुये आम जनता की मेहनत की गाढी कमाई को हडपने हेतु व्हाट्सएप कॉल व मैसेज कर स्टॉक ट्रेडिंग में निवेश की जानकारी देकर लाभ कमाने का प्रलोभन दिया जाता है। उन्हें विश्वास में लेकर विभिन्न फर्जी व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर लिंक के माध्यम से विभिन्न App डाउनलोड कराकर इन्वेस्टमेण्ट के नाम पर धोखाधडी की जाती है तथा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते हैं।

इसी क्रम में दोनों गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा फर्जी सोल प्रॉपराइटरशिप (Sole Proprietorship), जीएसटी फार्मों (GST Firms) का पंजीकरण, इंपोर्ट एक्सपोर्ट कोड (IEC) बनाया जाना, एवं उद्यम आधार आदि दस्तावेजों के माध्यम से विभिन्न बैंको में करेंट अकाउंट खुलवाया जाता है जिनमे भारत में विभिन्न पीड़ितों के साथ साइबर धोखाधड़ी कर अलग अलग बैंक खातों मैं धनराशि को बार बार स्थानांतरित कर धनराशि को निकाला जाता है। अभियुक्तों द्वारा आईडीएफसी (IDFC bank) & इंडसएंड (IndusInd) बैंको के खाते खोले गए जिसमे बैंक द्वारा भौतिक केवाइसी वेरिफिकेशन आदि पर भी एक प्रश्न है। गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा लगभग अनेक ऐसी फर्जी सोल प्रॉपराइटरशिप जीएसटी फर्म उसको खोला गया है जिनके दस्तावेज़ों के ऊपर ये बैंको में अपराध हेतु करेंट अकाउंट खुलवाते हैं। गिरफ्तार अभियुक्त दीपक अग्रवाल पूर्व में भी गुड़गांव से एक जीएसटी प्रकरण में जेल जा चुका है। प्रकाश मैं आए बैंक खाते पर देश भर में है कुल 38 शिकायतें। शिकायतें बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तेलंगाना में हैं।

पुलिस टीमः-
1-निरीक्षक विकास भारद्वाज
2-उ0नि0 राजीव सेमवाल
3-अपर उ0नि0 सुरेश कुमार
4-कानि0 शादाब अली



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