हरिद्वार समेत पांच जिलो के पुलिस कप्तानों ने किया सराहनीय कार्य, DGP ने की प्रशंसा




नवीन चौहान.
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सोमवार को सरदार पटेल भवन स्थित सभागार में अपराध, कार्मिक, बजट एवं विशेष अभियानों- ऑपरेशन प्रहार, ऑपरेशन स्माइल और ऑपरेशन मुक्ति की समीक्षा कर दिशा-निर्देश दिये। इस दौरान अच्छा कार्य करने वाले जनपद प्रभारियों की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने की बात कही।

डीजीपी ने 49वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस और प्रधानमंत्री व गृह मंत्री के भम्रण को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सभी अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष (माह जनवरी से सितम्बर तक) अपराध नियंत्रण एवं अपराधियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही में प्रोफोशनली काफी अच्छा काम हुआ है। प्रदेश को अपराध एवं अपराधी मुक्त बनाने के लिए उत्तराखण्ड पुलिस कटिबद्ध है। हत्या, लूट, डकैती, चैन स्नैचिंग, आदि अपराधों के अनावरण एवं बरामदगी का प्रतिशत काफी अच्छा है।

डकैती एवं वाहन लूट के अभियोगों के शत प्रतिशत अनावरण एवं बरामदगी, लूट में 94 प्रतिशत अनावरण व 96 प्रतिशत बरामदगी करने के लिए सभी जनपद प्रभारियों को बधाई। जिन जनपदों में प्रतिशत कम है, वहां प्रोफेशनली पुलिसिंग से प्रतिशत बढ़ाया जाए। अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था इसकी मासिक समीक्षा करें। अच्छा कार्य करने वाले जनपद प्रभारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

ऑपरेशन प्रहार के अन्तर्गत कुछ जनपदों ने काफी अच्छा कार्य किया है। हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चम्पावत व पिथौरागढ़ की कार्यवाही प्रशंसनीय है। शेष जनपद भी अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे इस विशेष अभियान में कार्यवाही बढ़ाएं। संगठित अपराध करने वालों पर गैंगस्टर एक्ट व सम्पत्ति अधिग्रहण की कार्यवाही बढ़ाने, एनडीपीएस एक्ट के अन्तर्गत पिट एनडीपीएस और अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति के अधिग्रहण की कार्यवाही को बढ़ाने और इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी बढ़ाने के निर्देश दिए। वांछित अपराधियों पर इनाम घोषित करने और इनाम की धनराशि बढाए जाने के भी निर्देश दिए।

उत्तराखण्ड पुलिस एप स्मार्ट पुलिसिंग की ओर एक बड़ा कदम है। आम जन को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य यह एप बनाया गया है। सभी जनपद प्रभारी इस एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, जिससे अधिक से अधिक लोग इसकी सुविधाओं का लाभ उठा सकें। वाहन चोरी और गुमशुदा वस्तुओं के संबंध में ऑनलाइन एफआईआर (ई-एफआईआर) दर्ज करें। इस सम्बन्ध में थाने पर आकर एफआईआर दर्ज कराने आने वाले व्यक्ति को ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने हेतु प्रोत्साहित करें। दोनों प्ररिक्षेत्र प्रभारी इसकी मॉनिटरिंग करें। महिला सुरक्षा के दृष्टिगत गौरा शक्ति मॉड्यूल में रजिस्ट्रेशन को बढ़ाया जाए। रजिस्टर्ड महिलाओं के साथ समन्वय कर उनकी शिकायत के समाधान करते हुए उन्हें सुरक्षित महसूस कराया जाए। साथ ही कॉल बैक का प्रतिशत भी बढ़ाया जाए।

दोनों परिक्षेत्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि अपने-अपने परिक्षेत्र में 01 से 03 वर्ष तक की लंबित पड़ी विवेचनाओं को स्वयं मॉनिटर कर ओ0आर0 करें। अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था इसकी समीक्षा करें। वर्तमान में साइबर क्राइम देश में सबसे बड़ा उभरता हुआ क्राइम है। सभी जनपद प्रभारी इसे प्राथमिकता पर लें। इसकी गंभीरता को देखते हुए साइबर शिकायतों की नियमित निगरानी और अंतरराज्यीय समन्वय हेतु प्रयोगात्मक तौर पर पुलिस महानिरीक्षक, पी/एम- नीलेश आनन्द भरणे को नियमित रूप से इसकी समीक्षा करने हेतु निर्देशित किया गया।

प्रत्येक जनपद में एक साइबर थाना स्थापित किये जाने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजे जाने का निर्णय लिया गया। डायल 112 से प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही करने, रिस्पोंस टाईम और क्वालिटी ऑफ रिस्पोंस को बेहतर करने हेतु निर्देशित किया गया। सीएम हेल्पलाइन सहित समस्त शिकायतों के निस्तारण का प्रतिशत बढ़ाया जाये।

वर्तमान में प्रदेश के राजमार्गों में काफी परिवर्तन आये हैं। साथ ही नए राजमार्गों का भी निर्माण हुआ है। सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत इनके अनुसार दुघर्टना सम्भावति क्षेत्रों एवं ड्यूटी प्वाइंट्स को चिन्हित कर लिया जाए। सड़क दुर्घटना के मुख्य कारणों जैसे रैश/स्टंट ड्राइविंग, नशे की हालत में वाहन चलाना, वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करना, ओवर लोडिंग, ओवर स्पीडिंग आदि पर फोकस करें। इन पर चालान करें। ट्रैफिक चालान संबंधी शिकायतों पर पुलिस महानिदेशक महोदय द्वारा सख्त हिदायत देते हुए निर्देश दिया गया कि आधिकारिक बैंक अकाउन्ट में ही ऑनलाइन चालान का पैसा जमा कराया जाए। ऑनलाइन न होने की दशा में कैश चालान किया जाए।

सोशल मीडिया पर राष्ट्र विरोधी, साम्प्रदायिक एवं फेक न्यूज प्रसारित करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। साथ ही कानून एवं शान्ति व्यवस्था प्रभावित करने वाली फेक न्यूज का खण्डन करते हुए उनका समय से कान्उटर भी किया जाए। पर्वतीय जनपदों में भी सीसीटीवी नेटवर्क बढ़ाने हेतु निर्देशित किया गया। बलात्कार, पोक्सो एक्ट एवं एससी/एसटी एक्ट से सम्बन्धित अभियोगों का 02 माह के भीतर निस्तारण करने हेतु समस्त जनपद प्रभारियों को सख्त हिदायत दी गयी। NBW के तामील में नाराजगी व्यक्त करते हुए तामील का प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर इस अवसर पर पीवीके प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक, पीएसी, अभिनव कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना एवं सुरक्षा, वी मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस दूरसंचार, एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, विम्मी सचदेवा, पुलिस महानिरीक्षक, मुख्यालय, नीरू गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक, फायर, कृष्ण कुमार वीके, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस दूरसंचार, मुख्तार मोहसिन, पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात, नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, पी/एम, करन सिंह नगन्याल, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।



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