नवीन चौहान
छात्रवृत्ति घोटाले में स्ववित्त पोषित कॉलेजों के संचालकों की गिरफ्तारी के बाद अब समाज कल्याण विभाग के तत्कालीन अधिकारी एसआईटी के रडार पर आ गए है। एसआईटी ने समाज कल्याण विभाग के तीन अधिकारियों और एक नोडल अधिकारी के बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। इन चारों अधिकारियों को 9 मार्च को एसआईटी के समक्ष पेश होकर अपनी भूमिका स्पष्ट करनी होगी। जिसके बाद एसआईटी विवेचना को आगे बढ़ायेगी। सबसे बड़ा सवाल ये है कि छात्रवृत्ति की करोड़ों की धांधली के दौरान समाज कल्याण विभाग के अधिकारी कहां सो रहे थे। आखिरकार उनकी भूमिका क्या है। ऐसे में ये चारों अधिकारी एसआईटी को संतुष्ट करने में नाकाम रहे तो इनकी मुसीबत बढ़नी तय है। कल की पूछताछ पर पूरे उत्तराखंड की नजर रहेगी।
उत्तराखंड के 800 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की तपिश में निजी स्ववित्त पोषित कॉलेजों के संचालक झुलसना शुरू हो गए है। सात निजी कॉलेज संचालकों की गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड के सभी निजी कॉलेजों में हड़कंप मचा हुआ है। कालेज संचालकों की आंखों से नींद गायब हो चुकी है। एसआईटी की जांच ज्यो-ज्यो आगे बढ़ रही है, निजी कालेज संचालकों की धड़कने उतनी ही धीमी पड़ रही है। कॉलेज संचालकों के बाद अब एसआईटी के निशाने पर समाज विभाग के अधिकारी आ गए है। इसी के चलते विवेचना को आगे बढ़ाते हुए एसआईटी टीम ने समाज कल्याण विभाग के चार अधिकारियों को नोटिस जारी कर 9 मार्च को रोशनाबाद स्थित कार्यालय में बयान देने के लिए बुलाया गया है। एसआईटी की ओर से समाज कल्याण विभाग उत्तराखंड के उप निदेशक व नोडल अधिकारी आईटी सैल अनुराग शंखधर, तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी हरिद्वार मुनीष त्यागी, समाज कल्याण अधिकारी खानपुर विनोद कुमार नैथानी और समाज कल्याण अधिकारी भगवानपुर सोमप्रकाश को नोटिस दिया है।