योगेश शर्मा
प्रधान पद के उम्मीदवार के लिए स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी का मुददा प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है। गांव की जनता बोली कि हम अपने गांव वाले को ही वोट देंगे। कॉलोनियों में आकर निवास करने वाले बाहरी लोग हमारे प्रधान नही हो सकते। ऐसे लोगों को हमारी समस्याओं से कोई वास्ता नही है। वह सिर्फ राजनीति करना और अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहते है। उनके मंसूबों को पूरा नही होने दिया जायेगा।
बताते चले कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 26 सितंबर को होने है। नामांकन के बाद चुनाव प्रचार जोर शोर से चल रहा है। चुनाव में किस्मत आजमाने के लिए कॉलोनियों के लोगों ने भी नामांकन करा दिया है। लेकिन चुनाव प्रचार के वक्त स्थानीय और बाहरी मुददा बन गया है। स्थानीय गांव के लोग कॉलोनियों के लोगों को बाहरी मानते है। उनका मानना है कि बाहर से आकर बसने वाले हमारे प्रधान नही हो सकते है। हम अपने गांव के लोगों को ही प्रधान बनायेंगे। नाम नही छापने की शर्त पर एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि हमारे गांव और परिवार की समस्या को हमारे गांव के लोग ही समझ सकते है। उनको डांट भी सकते है। ये कॉलोनी के बाहरी लोग हमारी भावनाओं को नही समझ सकते है। इनके प्रधान बनकर राजनीति करनी है। हमारे प्रधान पद पर बेटा चाहिए।