नवीन चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जोशीमठ की घटना के कारणों का पता चल सके, इसके लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि इसरो के वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों से इस घटना के कारणों का पता किया जाए, ताकि भविष्य में कुछ एहतियात बरते जा सकें।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जोशीमठ के रैणी क्षेत्र से ग्लेशियर टूटने से उत्पन्न आपदा के कारण तपोवन गांव के पास तपोवन विष्णु गंगा प्रोजक्ट का जो कार्य चल रहा था, इसमें काफी श्रमिक कार्य कर रहे थे। अभी तक जो आंकड़े प्राप्त हुए है, 11 शव रिकवर किए जा चुके है। लापता लोगों की तलाश की जा रही है। रविवार को मुख्यमंत्री ने आपदाग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण किया था।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि डीजीपी अशोक कुमार रविवार से ही इस क्षेत्र में कैंप किए हुए हैं। कमिश्नर गढ़वाल और डीआईजी गढ़वाल को भी आज से क्षेत्र में कैंप करने के निर्देश दिए गए है। जिला प्रशासन की पूरी टीम रविवार से ही क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। अन्य जिला से भी अधिकारी मौके पर भेजे गए हैं, ताकि जो शव वहां पर मिलेंगे उनका पंचनामा एवं पोस्टमार्टम जल्द हो सके।
जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस, आईटीबीपी, सैना और एनडीआरएफ की टीमें रविवार से राहत एवं बचाव कार्यों में लगी है। 35 लोगों के एक सुरंग में फंसे होने की संभावना है, उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कल से ही इन लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। मौके पर पर्याप्त मानव संसाधन है, एनडीआरएफ की अन्य टीमें भी तैयार हैं।