नवीन चौहान
उत्तराखंड पब्लिक स्कूल के करीब 1500 बच्चे एक सप्ताह से शिक्षा से वंचित होकर घर बैठने को विवश हो गए है। स्कूल गेट पर नोएडा प्राधिकरण ने भूखंड आवंटन के राजस्व की धनराशि बकाया होने के चलते सील लगा दी है। जबकि स्कूल प्रबंधकों की ओर से बकाया सरकारी राजस्व के लिए अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास परिषद उत्तर प्रदेश के यहां पर धारा 41(3) के तहत वाद दाखिल करने के साथ—साथ करीब चार करोड़ 19 लाख की धनराशि सरकारी कोष में जमा दी है। फिलहाल यह प्रकरण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच चुका है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि यूपी नोयडा के कई भूमाफियाओं की गिदद दृष्टि स्कूल के भूखंड पर लगी है।
औद्योगिक विकास परिषद उत्तर प्रदेश ने 14 जनवरी 1991 को उत्तराखंड जन कल्याण परिषद नोएडा सेक्टर 56 को एक भूखंड 21 लाख 29 हजार 502 रूपये में आवंटित किया था। भूखंड में एक स्कूल उत्तराखंड पब्लिक स्कूल के नाम से संचालित हो रहा है। जिसमें नर्सरी से लेकर कक्षा 12वीं तक करीब 1500 से अधिक बच्चे शिक्षा अर्जित करने का कार्य कर रहे है। उत्तराखंड पब्लिक स्कूल में नोएडा में निवास करने वाले उत्तराखंडियों के बच्चे बेहद ही मामूली फीस में शिक्षा ग्रहण करते है। लेकिन इस स्कूल पर करीब एक सप्ताह से अधिक वक्त से सील लगी है। जिसके चलते करीब 1500 बच्चे अपने घरों में बैठने को विवश हो गए है।
यह है सील लगने की वजह
औद्योगिक विकास परिषद उत्तर प्रदेश ने 14 जनवरी 1991 को उत्तराखंड जन कल्याण परिषद नोएडा सेक्टर 56 को एक भूखंड 21 लाख 29 हजार 502 रूपये में आवंटित किया था। संस्था की ओर से बीस प्रतिशत धनराशि अर्थात चार लाख 25 हजार 900 रूपये का आंशिक भुगतान कर दिया। और स्कूल का संचालन शुरू कर दिया। जबकि संस्था की ओर से विभिन्न तिथियों में तीन करोड़ चार लाख तीन हजार 964 रूपये अदा किए गए। इस दौरान नोएडा विकास प्राधिकरण की ओर से बकाया राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज लगाया और करोड़ रूपये का बकाया संस्था पर लगा दिया। संस्था की ओर से साधारण ब्याज लगाने के संबंध में वाद दाखिल किया गया। इसी बीच नोएडा विकास प्राधिकरण ने स्कूल पर सील लगा दी।
————————————
उत्तराखंड जनकल्याण परिषद के अध्यक्ष हरीश पपने ने संस्था के तमाम लोगों से बातचीत के बाद और बच्चों के भविष्य को देखते हुए तत्काल करीब चार करोड़ 19 लाख की धनराशि नोएडा प्राधिकरण के राजकोष में जमा करा दी। लेकिन नोयडा प्राधिकरण की ओर से सील नही खोली गई है।
समाजसेवा कर रही संस्था
इस संस्था के स्कूल में पढ़ने वाले अधिकतम बच्चे उत्तराखंड के निवासियों के है। मात्र एक हजार रूपये फीस वाले इस स्कूल में कुछ गरीब अभिभावक फीस चुकाने में असमर्थ रहते है। ऐसी स्थिति में यह संस्था जनहित का कार्य कर रही है।