Blood donation camp: गुरुकुल काँगड़ी में आयोजित रक्तदान शिविर में हुआ 61 यूनिट रक्तदान




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नवीन चौहान.
स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों को याद करने तथा राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार के द्वारा चलाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव में भारत की स्वतंत्रता के वें वर्ष के उपलक्ष्य में एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब,75 अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय, गुरुकुल काँगड़ी सम विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वारा इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी हरिद्वार के सहयोग से दिनाँक 1 मई को एक स्वास्थ्य शिविर तथा एक स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।

यह शिविर रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इच्छुक रक्तदाताओं से रक्त एकत्र करने के उद्देश्य से फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, हरिद्वार द्वारा इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के सहयोग से एफईटी में आयोजित किया गया था और सभी इच्छुक दानदाताओं के लिए खुला था।

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संयोजक डालोकेश जोशी ने बताया की इस शिविर का उद्देश्य नागरिकों में सेवा और बलिदान की भावना को बढ़ावा देना है तथा यह शिविर उत्तराखंड में शुरू हो चुकी चारधाम यात्रा में आकस्मिक जरूरत पड़ने पर गुरुकुल काँगड़ी द्वारा किया गया छोटा सा योगदान है।
कार्यक्रम में जानकारी देते हुए ब्लड बैंक की संयोजिका नीलिमा सैनी ने कहा कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। 18 से अधिक आयु के लोग जिनका वजन 50 किलोग्राम से अधिक है वह रक्तदान कर सकते हैं। नियमित अंतराल यानि तीन महीने बाद रक्तदान करते रहने से हमारे शरीर में आयरन की मात्रा संतुलित रहती है और रक्तदाता को हृदयाघात की संभावना नहीं रहती। नियमित रक्तदान करने से कैंसर सहित अन्य बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। रक्तदान से सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि हमारे शरीर का वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, मलेरिया, एचबीएसएजी, एचसीवी, वीडीआरएल आदि जांचें हो जाती हैं।

शिविर का उद्घाटन एफई टी के डीन डा सुनील पँवार ने किया। इस अवसर पर उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के प्रेरणा श्रोत कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशुकुलसचिव डा. सुनील कुमार का आभार व्यक्त किया तथा समस्त विश्वविद्यालय प्रशासन का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने रेड क्रॉस सोसाइटी हरिद्वार के सचिव डा. नरेश चौधरी का भी धन्यवाद करते हुए आयोजकों को बधाई दी और कहा कि आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य जरूरतमंद मरीजों को रक्त चढ़ाने के लिए रक्तदाताओं से रक्त एकत्र करना है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और अधिक लोगों को नियमित रक्तदाता बनने के लिए प्रोत्साहित करना भी है।

कार्यक्रम के सफल संचालन के लिये आयोजकों ने एक पंजीकरण डेस्क स्थापित किया था पंजीकरण के बाद बाद छात्रों, शिक्षकों तथा कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच की गई तथा उनको अपना चिकित्सा इतिहास प्रदान करने के लिए कहा गया, जिसे यह सुनिश्चित किया जा सके की वे रक्तदान करने के योग्य हैं या नहीं।

पंजीकरण के बाद मदर थेरेसा ब्लड बैंक के डॉक्टरों और उनकी टीम ने रक्तदाताओं को रक्तदान प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्हें रक्तदान के महत्व, विभिन्न प्रकार के रक्त समूहों और रक्तदान के लाभों के बारे में बताया गया। रक्तदाताओं को रक्तदान करने से पहले और बाद में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया गया।

डॉ. तनवीर ने कहा कि डोनर का ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए सुरक्षित है या नहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न ब्लड पैरामीटर्स के लिए सैंपल की जांच की जाएगी। डोनर का एचबी चेक करने के बाद रक्तदाता से रक्तदान करवाया गया। एक रक्तदान की इस पूरी प्रक्रिया में 10-15 मिनट का समय लगा। रक्तदान पूरा होने के बाद रक्तदाताओं को कुछ देर आराम करने को कहा गया और उन्हें जलपान कराया गया। उन्हें प्रशस्ति पत्र, मग और एक डोनर कार्ड भी दिया गया, जिसका उपयोग वे भविष्य में रक्त की जरूरत पड़ने पर कर सकते हैं।

रक्तदान शिविर बहुत सफल रहा, जिसमें 61 से रक्तदाताओं ने रक्तदान किया। रक्तदान के इस कार्यक्रम में एफईटी के छात्रों, शिक्षकों गैर शिक्षण कर्मचारियों का योगदान रहा और सभी रक्तदाता सहित विभिन्न आयु समूहों से आए थे। अधिकांश दानकर्ता पहली बार दान देने वाले थे, और देश के विभिन्न राज्यों से संबंध रखने के कारण सच्चे मायनों में एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर रहे थे।

अन्त में एकत्रित रक्त को ब्लड बैंक ले जाया गया, जहां इसे संग्रहित किया गया।ब्लड बैंक के आयोजकों ने बताया की इस रक्त का उपयोग जरूरतमंद मरीजों को चढ़ाने के लिए किया जाएगा। रेड क्रॉस सोसाइटी तथा ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने आयोजकों और दानदाताओं के इस अभूतपूर्व योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर रक्तदाताओं के उत्साहवर्धन के लिये एफईटी की ओर से डीन एफईटी डॉ. सुनील पंवार, समन्वयक एक भारत श्रेष्ठ भारत डॉ. लोकेश जोशी, डा. एम. एम. तिवारी, डॉ. सुयश भारद्वाज, डॉ. अजय कुमार, डा. देवेन्द्र सिंह, गजेंद्र सिंह, डॉ. धर्मेंद्र बलियान, विकास देशवाल, दीपक नेगी, मनु गुप्ता तथा ब्लड बैंक की ओर से कविता सैनी, डॉ. तनवीर, कंचन गुसाईं, शुभम सैनी, सनी सैनी, अमित, माला, संकाय के समस्त कर्मचारी, छात्र आदि मौजूद रहे।



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