नवीन चौहान
छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त दो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट ने आरोपी प्रदीप अग्रवाल व संजय बंसल की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के बाद याचिका को खारिज कर दिया। जिसके बाद से आरोपियों की मुसीबते लगातार बढ़ी हुई हैं।
उत्तराखंड के चर्चित आठ सौ करोड़ के छात्रवृत्ति घोटालें की जांच की तपिश में स्ववित्त पोषित कॉलेज और इंस्टीटयूट झुलसे हुए है। घोटाले की जांच कर रही एसआईटी इस प्रकरण में बहुत ही गोपनीय तरीके से निष्पक्ष विवेचना कर रही है। एसआईटी की विवेचना के तौर तरीके देखकर निजी कॉलेज संचालकों की हवा निकल गई है। निजी कॉलेज संचालक अपने बचाव के लिए सत्ताधारी नेताओं की परिक्रमा करने में लगे है। बीते दिनों एसआईटी ने टैकवर्ड वैल ग्रामोद्योग गु्रप ऑफ इंस्टीटयूशन कैनाल रोड़ मंगलौर के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल पुत्र लालचंद निवासी जीटी रोड़ मंगलौर, सचिव संजय बंसल पुत्र एचपी बंसल निवासी ईसी रोड़ देहरादून और कोषाध्यक्ष काजी नूरउददीन पुत्र काजी मोहियूददीन निवासी किला मंगलौर हरिद्वार को गिरफ्तार किया था। इस तीनों आरोपियों के खिलाफ एसआईटी की जांच के थाना सिडकुल में आईपीसी की धारा 420, 120बी, 409 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया था। आरोप था कि साल 2010 के बाद कॉलेज में किसी भी कोर्स की मान्यता नही थी। जबकि साल 2015 से कॉलेज पूरी तरह से बंद था। लेकिन आरोपियों से संस्थान में साल 2011-12 से साल 2014-15 तक फर्जी छात्रों के प्रवेश दिखाकर समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति की धनराशि अपने बैंक खातों में हासिल कर ली। इस प्रकरण की जांच करने के बाद एसआईटी ने करोड़ों की धनराशि के गबन होने की पुष्टि करते हुए आरोपियों पर शिंकजा कसना शुरू किया। 5 मार्च 2019 को संस्थान के अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। इसी प्रकरण में आरोपी प्रदीप अग्रवाल और संजय बंसल की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट ने खारिज कर दी।