भय से मुक्ति और मोक्ष प्रदान करता है पार्थिव शिवलिंग पूजन-महंत नवल किशोर दास




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सोनी चौहान
हनुमंत धाम के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर महंत नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि महादेव शिव कल्याण के देवता हैं। शास्त्रों में शिवलिंग का पूजन सबसे ज्यादा पुण्यदायी और फलदायी बताया गया है। रावण के साथ युद्ध करने से पहले भगवान श्री राम ने भी पार्थिव शिवलिंग का पूजन किया था और उसके बाद लंका पर विजय प्राप्त की थी। वीआईपी घाट पर विशेष पार्थिव शिवलिंग पूजन में सम्मिलित होने आए श्रद्धालुओं को पार्थिव शिवलिंग पूजन का महत्व बताते हुए  महंत नवल किशोर दास महाराज ने कहा कि पार्थिव शिवलिंग के पूजन से साधक को भय से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। सनातन परंपरा में पार्थिव शिवलिंग के पूजन द्वारा भगवान शिव की साधना-अराधना ही सबसे आसान और अभीष्ट फल देने वाली है। कलयुग में मोक्ष की प्राप्ति और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग पूजन सबसे उत्तम माध्यम है। उन्होंने बताया कि पार्थिक शिवलिंग का पूजन करोड़ों यज्ञों के बराबर फल प्रदान करता है। भगवान शिव सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता हैं और उनकी साधना का यह सबसे सरल-सहज और पावन माध्यम है। जिसके पास कुछ भी नहीं वह शुद्ध मिट्टी का पार्थिव शिवलिंग बनाकर महज बेल पत्र, शमी पत्र आदि अर्पित कर भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकता है। देवों के देव महादेव की साधना-अराधना के लिए श्रावण मास का शुक्ल पक्ष विशेष फलदायी होता है। श्रावण में पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर साधक स्वयं पावन पार्थिव शिवलिंग की पूजा-अर्चना कर शिव कृपा प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव पृथ्वी तत्व के अधिपति हैं। इसलिए उनकी पार्थिव पूजा का विशेष विधान है। मोक्ष देने वाले इस पार्थिव पूजन को किसी भी नदी, तालाब के किनारे, शिवालय अथवा किसी भी पवित्र स्थान पर किया जा सकता है। महंत नवल किशोर दास महाराज ने बताया कि विशेष रूप से आयोजित किए गए पार्थिव शिवलिंग पूजन में दिल्ली से आए गौतम तायल, टीसी शर्मा, सत्य प्रकाश गोयल, रामनरेश पाराशर, डा.अरूण भाटी, डा.एके चौधरी आदि सहित 31 श्रद्धालु परिवार भाग ले रहे हैं। आचार्य अवधेशदास पाण्डे, कमल भान मिश्रा, महंत रामलखन दास, पुरूषोत्तम दास, सुखराम दास, अनन्त शर्मा, रमन शर्मा आदि ने पूजा अर्चना संपन्न कराने में सहयोग किया।