नवीन चौहान
आईएएस सी रविशंकर एक सफल कार्यकाल के बाद अब शासन में अपनी सेवा देंगे। हरिद्वार की जनता को उन्होंने अपना पूरा समय दिया। जनता भी उनके द्वारा किये गए कार्यों को कभी भुला नहीं पाएगी। उन्होंने भी कहा कि वह हरिद्वार और यहां के लोगों को हमेशा याद रखेंगे। वहीं दूसरी ओर एक बात ऐसी भी है, जो हमेशा उनको हरिद्वार की याद दिलाती रहेगी। जिलाधिकारी की कुर्सी पर काबिज रहने के दौरान सी रविशंकर ने पूरा वक्त हरिद्वार की जनता को देते हुए जनता की सेवा में दिन रात समर्पित रहे।
कुशल प्रशासक की भूमिका में करते रहे नेतृत्व
आईएएस सी रविशंकर एक कुशल प्रशासक की भूमिका में नेतृत्व करते हुए हरिद्वार की जनता को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित बचाकर रखने में जुटे रहे। उनके द्वारा किए गए तमाम कार्य और योगदान अब इतिहास में दर्ज हो चुका है। हरिद्वार की आने वाली पीढ़ी तत्कालीन जिलाधिकारी सी रविशंकर के कार्यकाल में कोरोना संक्रमण की महामारी से बचाव के लिए जनता कर्फ्यू, लॉक डाउन और कोरोना की दूसरी लहर के प्रकोप को शायद ही भूल पाए। लेकिन इस आपदा की घड़ी में हरिद्वार की जनता को सुरक्षित बचाने के लिए सबसे पहले त्वरित निर्णय लेने वाले जिलाधिकारी सी रविशंकर की ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा को हरिद्वार की जनता सदैव याद करेंगी।
पद संभालते ही कर दिया था अपना विजन जारी
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में विकास कार्यो को तेजी से बढ़ावा देने के लिए एक सरल स्वभाव के आईएएस सी रविशंकर को जिलाधिकारी के पद पर भेजा। जिलाधिकारी पद का कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही रविशंकर ने अपना विजन जारी किया। केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं को पारदर्शी तरीके से जनता तक पहुंचाने और ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष फोकस करते हुए शिक्षा, चिकित्सा की स्थिति में सुधार करने के इरादे जाहिर किए। हरिद्वार की भौगोलिग स्थिति को समझते हुए सी रविशंकर ने कार्य योजना तैयार की समयबद्ध तरीके से कार्य करने की रणनीति बनाई। इससे पहले कि ग्रामीण क्षेत्रोें में उनके भ्रमण कार्यक्रम होते 23 मार्च 2020 को कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी। एक ऐसी महामारी जिसका संक्रमण इंसान के जीवन के लिए खतरा बन चुका है।
पद संभालते ही करना पड़ा था चुनौतियों का सामना
जिलाधिकारी के तौर पर सी रविशंकर के लिए एक कठिन चुनौती थी। तीर्थनगरी हरिद्वार में एकाएक लॉकडाउन लग गया। सिडकुल की कंपनियां बंद हो गई। पर्यटक हरिद्वार में फंस गए। गरीबों के लिए भोजन और राशन का संकट उत्पन्न हो गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा काल जनता को सुरक्षित बचाने और अस्पतालों की व्यवस्था सुदृढ़ करने के साथ जनता की हरसंभव मदद करने का आदेश दिया।
लॉकडाउन में टीम बनाकर दिया योजना को अंजाम
तत्कालीन जिलाधिकारी सी रविशंकर ने तत्काल प्रशासनिक टीम को अलर्ट किया। प्रशासन की कई टीमें बनाकर कार्ययोजना बताई। बेहद ही सुनियोजित तरीके से एक—एक टीम को कार्य सुपुर्द किया। हेल्प लाइन शुरू की गई। कंटेनमेंट जोन बनाए गए। पर्यटकों को घर भेजने की व्यवस्था कराई। अस्पतालों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करने का खाका मस्तिष्क में बनाकर आगे बढ़े। एक अलग कार्य की भूमिका में जिलाधिकारी सी रविशंकर निर्णय कर रहे थे। भूखे पेट सो रहे पीड़ितों के मैसेज जिलाधिकारी सी रविशंकर को बैचेन करते थे। सोशल मीडिया के एक—एक मैसेज का संजीदगी से निस्तारण करते थे।
दूरदर्शी निर्णय और सकारात्मक सोच ने दिये बेहतर परिणाम
जिलाधिकारी सी रविशंकर की दूरदर्शी निर्णय और सकारात्मक सोच से बेहतर परिणाम आने लगे। अलग-अलग सामाजिक संगठनों को एक मंच पर लाकर जोड़ा और कार्य करने की दिशा प्रदान की। प्रशासन की टीम का मनोबल बढ़ाकर रखते हुए सी रविशंकर एक कप्तान की तरह खुद सदैव आगे रहे। कोविड अस्पतालों का भ्रमण करना और चिकित्सकों को निर्देशित करना। सफाईकर्मियों का लगातार उत्साहबद्धन करना। मीडिया की आलोचनाओं से प्रेरित होकर दोगुनी ऊर्जा से कार्य करने में जुटे रहे। सी रविशंकर रात्रि में तीन से चार घंटे की नींद लेते और सबसे पहले व्हाटसएप के मैसेजों में जनता की समस्याओं को देखते।
कोरोना काल में कुंभ का कराया सफल आयोजन
कुल मिलाकर कोरोना का पहला चरण निकल गया और हरिद्वार में कुंभ पर्व 2021 के आयोजन की तैयारियां शुरू हो गई। संतों का महिमामंडन का दौर था। आश्रम और अखाड़ों में जिलाधिकारी की हाजिरी शुरू हो गई। संतों के नखरे शुरू हुए। एक जिलाधिकारी के तौर पर सी रविशंकर के लिए कोरोना संक्रमण काल में कुंभ पर्व का आयोजन बेहद की चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था। सी रविशंकर का यह अलग प्रकार का अनुभव भी था। लेकिन जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कुंभ पर्व के आयोजन में जिला प्रशासन की तरफ से कुंभ मेला प्रशासन को भरपूर सहयोग किया। धर्म ध्वजा की स्थापना से लेकर पेशवाई और शाही स्नान में जिलाधिकारी सी रविशंकर की अगुवाई में जिला प्रशासन की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दूसरी लहर में मरीजों का जीवन बचाने में जुटे रहे
कुंभ पर्व के समापन के साथ ही कोविड की दूसरी लहर और मौत का भयावय मंजर शुरू हुआ। आक्सीजन और वैंटीलेटर की कमी से तड़पते मरीजों के जीवन को बचाने के लिए जिलाधिकारी सी रविशंकर से हरसंभव प्रयास किए। मास्क, सेनेटाइजर और सामाजिक दूरी की उनकी अपील तो मानो जिंदगी का हिस्सा बन गई थी। प्रतिदिन जनता को अपील करते थे। सी रविशंकर की सूझबूझ से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जनता को बचाने में जिला प्रशासन काफी हद तक सफल रहा। बहराल, जिलाधिकारी सी रविशंकर कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने से अलग विकास कार्यो की धीमी प्रगति को गति प्रदान में जुट गए। केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया गया। विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कार्यो को पारदर्शिता से त्वरित गति से करने के निर्देश दिए गए। जल जीवन मिशन, कृषि ऋण, युवाओं के स्वावलंबन की दिशा में कार्य किए जाने लगे।
गरीब बच्चों की करायी फीस की व्यवस्था
यूं तो उनके कार्यकाल में कई उपलब्धियां है। लेकिन सबसे बड़ी बात गरीबों के प्रति उनके हृदय में जो सम्मान की भावना अलग ही दिखाई देती थी। यही कारण रहा कि गरीब बच्चों को पढ़ने के लिए मोबाइल भेजने से लेकर उनके फीस तक की व्यवस्था जिलाधिकारी सी रविशंकर ने की। लेकिन सबसे बड़ी बात जो सी रविशंकर के दिल में रह गई। वह ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को लेकर रही। लालढांग और तमाम गांवों का दौरान करने के बाद जिलाधिकारी सी रविशंकर अक्सर भावुक नजर आते थे। यही कारण रहा कि उन्होंने प्रशासन आपके द्वार भेजकर गरीबों की समस्याओं का निस्तारण कराया।
पीड़ितों की समस्याओं का कराया समाधान
पूर्व जिलाधिकारी सी रविशंकर के कार्यकाल से संत समाज से लेकर आम जनमानस के मन में जिला प्रशासन के प्रति विश्वास की भावना प्रबल हुई है। उनके कार्यकाल में गरीब जनता को अपने कार्य के लिए बिचौलिये की जरूरत नही पड़ी। पीड़ितों की समस्याओं का बिना सिफारिश तत्काल प्रभाव से निस्तारण हुआ। आईएएस सी रविशंकर की सादगी, सरल स्वभाव और कर्तव्यपरायणा से हरिद्वार के संत समाज से लेकर सभी वर्ग बेहद प्रभावित हुआ। जिलाधिकारी की कुर्सी पर काबिज करने के दौरान सी रविशंकर ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सख्त रूख अपनाया।
गरीबों और पीड़ितों की सेवा में जुटे रहे
कुल मिलाकर आईएएस सी रविशंकर का करीब डेढ़ साल का कार्यकाल गरीबों और पीड़ितों की सेवा में गुजरा। लेकिन कोरोना संक्रमण काल में तमाम चुनौतियों को पार करते हुए पीड़ितों की हरसंभव मदद करने का प्रयास किया। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सी रविशंकर अपनी अपेक्षा के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करने में चुक गए। जिस बात की कसक हमेशा उनके दिल में रहेगी। हालांकि, जिलाधिकारी के पद पर विदाई से पूर्व उन्होंने हरिद्वार की जनता का तहे दिल से आभार व्यक्त किया। सभी को कोरोना संक्रमण से खुद को बचाकर रखने की अपील भी की।
संत कृष्णानंद ने कहा सच्चे अधिकारी
चेतनानंद गिरि आश्रम के संत कृष्णानंद जी महाराज ने बताया कि आईएएस के सही मायने में सच्चा अर्थ ही सी रविशंकर है। जिले के सर्वोच्च अधिकारी का सबसे पहला कर्तव्य जनता की सेवा करना है। उनकी समस्याओं को दूर करना है। इस कार्य का बखूवी पालन आईएएस सी रविशंकर ने किया है।
जिलाधिकारी को मैसेज किया
राजा गार्डन की एक पीड़ित महिला ने बताया कि मेरे बच्चे की स्कूल फीस के लिए पैंसे नही थे। कोरोना में रोजगार में नही था। जिलाधिकारी को मैसेज किया तो बच्चे को स्कूल से फिर दोबारा फीस के लिए कोई संदेश नही आया।
समाजसेवी श्रुति लखेड़ा ने कहा गरीबों की सेवा भावना
समाजसेवी श्रुति लखेड़ा ने बताया कि आईएएस सी रविशंकर के दिल में गरीबों की सेवा करने की भावना है। लेकिन कोरोना ने उनको लक्ष्य से दूर कर दिया। लालढांग में सैंकड़ों परिवारों का हित जिलाधिकारी सी रविशंकर ने किया है। उनका कार्यकाल बेहद ही सराहनीय और यादगार है।