रक्तदान और मृत्यु के बाद देहदान सबसे बड़ा दान: राज्यपाल




-सेवा के कार्यों को किया जाना आत्मसंतुष्टि प्रदान करता है: त्रिवेंद्र
-देवभूमि विकास संस्थान के रक्तदान शिविर में 733 यूनिट रक्त संग्रह
-युवाओं ने बड़ी संख्या में रक्तदान कर पुण्य कमाया

नवीन चौहान.
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने रविवार को रेस कोर्स देहरादून में स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के अवसर पर देवभूमि विकास संस्थान द्वारा आयोजित ‘‘मेगा रक्तदान शिविर” का शुभारंभ किया। उन्होंने रक्तदान कर रहे लोगों से भी मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन किया। शिविर में एक हजार से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया, जिसमें से 733 लोगों ने रक्तदान किया।

रक्तदान शिविर में प्रतिभाग करते हुए राज्यपाल ने 117 बार रक्तदान करने वाले ऋषिकेश के राजेन्द्र बिष्ट सहित 50 से अधिक बार रक्तदान करने वाले मनोज शर्मा, सुशील छाबड़ा, अमित, राजेश रावत, डॉ. पीयूष मौर्य को सम्मानित किया। इसके अलावा देवभूमि विकास संस्थान द्वारा 03 सितम्बर से 13 सितम्बर तक आयोजित रक्तदान शिविरों में सहयोग करने वाली संस्थाओं को भी सम्मानित किया।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल ने कहा कि रक्तदान मानवता के लिए किया गया सबसे बड़ा दान है। व्यक्ति द्वारा जीवित रहते हुए रक्तदान और मृत्यु के पश्चात देहदान करना सबसे पुण्य का काम है। उन्होंने कहा कि रक्तदान से व्यक्ति को आत्म संतुष्टि भी मिलती है। अपने रक्त को दान कर दसरों की जिंदगी में खुशहाली लाना सबसे बड़ी आत्म संतुष्टि होती है।

उन्होंने विश्वास जताया कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को रक्तदान के महत्व के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ मानव सेवा में भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि आज इस शिविर में कई लोग रक्तदान कर रहे हैं वे अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे बीच ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने 100 से भी अधिक बार रक्तदान किया है। उन्होंने रक्तदान करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।

राज्यपाल ने देवभूमि विकास संस्थान के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा अन्य सामाजिक कार्यों वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमेशा से महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। यह समाज के लिए प्रेरणादायक है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुए रक्तदान करने वाले लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आयुष्मान भवः कार्यक्रम के तहत वर्तमान तक 726 रक्तदान शिविर लगाए गए हैं। 02 लाख 28 हजार लोगों ने ई-रक्तकोष पोर्टल पर पंजीकरण किया है जो देश में सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक 52 लाख 50 हजार आयुष्मान कार्ड बनाये जा चुके हैं और 60 लाख 50 हजार लोगों की आभा आई-डी बनायी जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 1926 लोगों ने अंगदान के लिए पंजीकरण किया है जो तेलंगाना के बाद देश में दूसरे स्थान पर है।

पूर्व मुख्यमंत्री और संस्थान के संरक्षक त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर भाग लेना एवं सेवा के कार्यों को किया जाना आत्मसंतुष्टि प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा 03 सितम्बर से 13 सितम्बर तक विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से रक्तदान शिविरों का आयोजन कर 01 हजार यूनिट रक्त विभिन्न अस्पतालों को उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि रक्तदान शिविरों में महिलाओं की सहभागिता रही है लेकिन अधिकांश महिलाओं एवं लड़कियों में खून की कमी (अनीमिया) पाई जा रही है जिस ओर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण असंतुलन के कारण हमारे भोजन में पोषक तत्वों की कमी इसकी मुख्य वजह हो सकती है। उन्होंने इस शिविर को सफल बनाने के लिए सभी के सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में विधायक राजपुर रोड़ खजान दास, विधायक डोईवाला बृजभूषण गैरोला, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, अध्यक्ष गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी दलबीर सिंह साहनी के अलावा अनेक लोग और रक्तदानकर्ता उपस्थित रहे। संचालन संस्थान के सचिव सत्येंद्र नेगी ने किया। शिविर में ग्राफिक एरा, एम्स, सुभारती, महंत इंद्रेश और दून अस्पताल की टीमों ने रक्त संग्रह में सहयोग किया।

शिविर में रक्तदाताओं के उत्साहवर्धन के लिए लक्की ड्रा रखा गया था। इसमें प्रथम पुरस्कार स्कूटी क्षीतिज शक्यिा, दूसरा पुरस्कार टीवी हरेंद्र रावत, तृतीय पुरस्कार रेसिंग साइकिल दिव्यांशु नेगी , चौथा पुरस्कार मिक्सी अंकित भंडारी और पांचवा पुरस्कार टोस्टर शुभम ने जीता। जबकि 25 रक्तादाताओं को सांत्वना पुरस्कार दिए गए।



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