पत्रकार पिता और बेटे को जेल भेजे जाने से हरिद्वार के पत्रकारों में गुस्सा




नवीन चौहान.
हरिद्वार। पड़ोसी के साथ हुई मामूली कहासुनी के मामले में हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने शहर के वरिष्ठ पत्रकार और उनके पत्रकार बेटे के खिलाफ पोस्को समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जेल भेजे जाने से हरिद्वार के पत्रकारों में पुलिस के खिलाफ गुस्सा है।

प्रेस क्लब के आव्हान पंर जिले भर से पत्रकार इकट्ठा हुए और हरिद्वार पुलिस के खिलाफ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया। बुधवार को पत्रकारों ने देवपुरा स्थित प्रेस क्लब से कोतवाली तक मार्च निकाला और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कोतवाली पहुंच कर सभी पत्रकार धरना देकर बैठ गए। प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मामले की निष्पक्ष जांच कर जेल भेजे गए पिता पुत्र को रिहा करने और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की गईं

बतादें 4 अगस्त को वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रकाश चौहान का अपने पड़ोसियों के साथ किसी बात को लेकर हुई कहासुनी के दौरान आपस में मारपीट हो गई। आरोप है कि वेदप्रकाश के पड़ोसी ने अपने और अपनी नाबालिग पुत्री के साथ मारपीट की शिकायत हरिद्वार कोतवाली में की। पुलिस ने इस घटना की बिना जांच किये शिकायत के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करते हुए वेदप्रकाश चौहान और उनके परिजनों के खिलाफ गालीगलौच और मारपीट के साथ साथ पोस्को अधिनियम जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।

यही नहीं आरोप है कि कोतवाली पुलिस ने वेदप्रकाश और उनके बेटे संजय चौहान को बयान देने के बहाने घर से कोतवाली बुलाया और वंहा उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हरिद्वार के पत्रकारों में पुलिस की इस कारवाई से भारी रोष है। पत्रकारों का कहना है कि मामूली से विवाद में पोस्को जैसी गंभीर धारा लगाया जाना गलत है। पुलिस ने जिस तरह से बिना जांच किये एक तरफा कार्यवाही की उसे साफ जाहिर है कि पुलिस ने वेदप्रकाश और उनके परिजनों के खिलाफ द्वेषपूर्ण तरीका अपनाते हुए यह कार्यवाही की।

बताया गया कि पिछले दिनों लॉक डाउन के दौरान वेदप्रकाश का पुलिस से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। जिसके बाद से पुलिस उन्हें फर्जी मामले के में फंसाने की साजिश कर रही थी। आरोप यह भी है कि जब वेदप्रकाश की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर कुछ पत्रकार कोतवाली पंहुचे तो कोतवाल और विवेचना अधिकारी ने पत्रकारों के साथ भी अभद्रता की और उनके खिलाफ भी सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज करने की धमकी भी दी।

इस घटना के बाद प्रेस क्लब के अध्यक्ष और महामंत्री के नेतृत्व में जिले के पत्रकारों के सभी संगठनों से जुड़े पत्रकारों ने हरिद्वार कोतवाली पुलिस के खिलाफ संघर्ष का एलान कर दिया है। जिले भर के पत्रकारों ने एकजुट होकर पत्रकार परिवार उत्पीड़न के दोषी अधिकारियों को तत्काल हटाने की मांग की है। पत्रकारों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की भी मांग की है। पत्रकारों का कहना है कि जब तक दोषी अधिकारियों को हटाया नहीं जाएगा उनका आंदोलन जारी रहेगा।



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