मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देकर स्वरोजगार के लिए किया प्रेरित




नवीन चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गंगा गाय महिला डेरी योजना के तहत जो दुधारू गायों से लाभ मिलने और अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी लेते हुए दुग्ध उत्पादन बढ़ावा में जोर दिया। उन्होंने योजना से लोगों को कितना फायदा हो रहा है, दुग्ध उत्पादन में कितनी वृद्धि हो रही है और इन लोगों की कोई समस्या तो नहीं है। लाभार्थियों से बातचीत कर इसका फीडबैक भी लिए जाने को निर्देश दिए। पशुओं के लिए आहार के लिए साईलेज की पर्याप्त व्यवस्था हो, इसके कुछ मॉडल ब्लॉक का चयन किया जाए। साइलेज उत्पादन किसानों की आर्थिकी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में डेरी विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि दुग्ध उत्पादों की वैल्यू एडिशन पर ध्यान दिया जाए। किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि के लिए उत्पादों की ब्रांडिंग पर भी फोकस किया जाए। दुधारू पशु जो क्रय किए जा रहे हैं, बाहरी राज्यों से हो। इससे राज्य कि दुग्ध उत्पादकता बढ़ेगी। दुग्ध और उसके संबधित उत्पादों के जो ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं, सभी ग्रोथ सेंटरों का डिजाइन एक जैसा हो। दुग्ध एवं उससे संबधित उत्पादों के लिए राज्य में समृद्धि ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य के 10 पर्वतीय जनपदों में दुग्ध एवं उससे संबधित उत्पादों पर आधारित 30 ग्रोथ सेंटर खोले जा रहे हैं। इस वर्ष के अंत तक 2500 दुधारू पशु क्रय करने का लक्ष्य रखा गया है।
सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसानों को 03 लाख रूपये तक का जो ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहे है, इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए। लाभार्थियों को ऋण लेने में असुविधा न हो इसके लिए बैंकर्स से लगातार संपर्क स्थापित किया जाए। पात्र लोगों को इस योजना का लाभ मिले। इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक डेरी जीवन सिंह नगन्याल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।



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