धूम सिंह मैमोरियल पब्लिक स्कूल CBSE के उच्च मानकों की कसौटी पर अव्वल




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दीपक चौहान.
हरिद्वार के सीतापुर में संचालित धूम सिंह मैमोरियल पब्लिक स्कूल सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) की कसौटी पर पूरी तरह से खरा उतरता है। स्कूल प्रांगण में उच्च मानकों के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती हैं। ये स्कूल न केवल शैक्षिक उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करते हैं, बल्कि सह-शैक्षिक और खेल गतिविधियों में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करते हैं।

स्कूल के निर्देशक मुकुल चौहान बच्चों की योग्यता और क्षमता को निखारने के लिए प्रयासरत रहते है। उनका कहना है कि ​शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। किसी भी राष्ट्र की उन्नति का आधार बच्चे होते है। बच्चे ही देश का भविष्य निर्धारित करते है। स्कूल का संचालन करना भी राष्ट्रसेवा है। धूम सिंह मैमोरियल स्कूल अपने बच्चों को सर्वश्रेष्ठ नागरिक बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।

न्यूज 127 की एंकर अक्षिता रावत ने धूम सिंह मैमोरियल स्कूल पहुंच कर न केवल वहां की तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बल्कि शिक्षण कार्य को भी देखा। यहां बहुत कम फीस में एक गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए हरिद्वार में पहचान बना चुके धूम सिंह मैमोरियल स्कूल के निर्देशक मुकुल चौहान से खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए तमाम मानकों को पूरा करना पड़ता है। सीबीएसई की गाइड लाइन के अनुसार व्यवस्था देनी होती है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो उच्च शैक्षिक वातावरण बनाना होता है। उत्कृष्ट शैक्षिक सामग्री और पाठ्यक्रम। कुशल और योग्य शिक्षक। नियमित मूल्यांकन और परीक्षा प्रणाली। शिक्षक और स्टाफ का कौशल बहुत मायने रखता है।

यह जरूरी खास बात
अनुभवी और प्रशिक्षित शिक्षक।
निरंतर पेशेवर विकास और प्रशिक्षण।
सहयोगात्मक और प्रेरक कार्य वातावरण।

शिक्षण पद्धतियाँ:
नवीन और इंटरेक्टिव शिक्षण पद्धतियाँ।
तकनीकी साधनों का उपयोग जैसे स्मार्ट क्लासरूम, प्रोजेक्टर आदि।
व्यक्तिगत और समूह शिक्षण विधियाँ।

संविधानात्मक ढाँचा और सुविधाएँ:
आधुनिक और सुरक्षित भवन और कक्षाएँ।
उन्नत पुस्तकालय, विज्ञान और कंप्यूटर लैब्स।
खेल, कला और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए उत्कृष्ट सुविधाएँ।

छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण:
छात्रों की शैक्षिक और व्यक्तिगत जरूरतों पर ध्यान।
परामर्श और मार्गदर्शन सेवाएँ।
समावेशी शिक्षा और विशेष जरूरतों वाले छात्रों के लिए विशेष व्यवस्थाएँ।

अभिभावक और समुदाय के साथ सहयोग:
नियमित अभिभावक-शिक्षक बैठकें।
अभिभावकों की प्रतिक्रियाओं का स्वागत और उन पर कार्रवाई।
समुदाय और स्थानीय संगठनों के साथ सहयोग।

नैतिक और मूल्य आधारित शिक्षा:
नैतिकता, अनुशासन और सामाजिक मूल्यों का शिक्षण।
समाज सेवा और सामुदायिक सेवा कार्यक्रम।

अकादमिक और सह-शैक्षिक कार्यक्रम:
व्यापक और विविध पाठ्यक्रम।
खेल, कला, संगीत, नाटक और अन्य सह-शैक्षिक गतिविधियों का समावेश।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भागीदारी।

स्वास्थ्य और सुरक्षा:
स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन।
नियमित चिकित्सा जांच और प्राथमिक चिकित्सा सेवाएँ।
आपातकालीन प्रबंधन और सुरक्षा ड्रिल।

प्रबंधन और नेतृत्व:
सक्षम और दूरदर्शी नेतृत्व।
प्रभावी प्रबंधन और प्रशासनिक प्रणालियाँ।
निरंतर सुधार और उत्कृष्टता के लिए प्रयास।



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