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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गैरसैंण में आहूत किए गए उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र दोबारा किया जाए। उन्होंने गैरसैंण में आयोजित तीन दिवसीय मानसून सत्र को महज औपचारिकता करार दिया है, और फिर से सत्र आयोजित करने की मांग की है।
हरीश रावत ने राज्य अतिथि गृह नैनीताल में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील प्रदेश है। यहां मानसून सत्र में आपदा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर मात्र आधे घंटे की चर्चा की गई, जो केवल औपचारिकता मात्र है। इसके अलावा उन्होंने महिला अपराध जैसे गंभीर मुद्दों पर सरकार पर मौन रहने का भी आरोप लगाया।
हरीश रावत ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रदेश में विकास कार्यों का रोड मैप इंजीनियरों द्वारा नहीं, बल्कि ठेकेदारों द्वारा बनाया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर विधानसभा में विधायकों की आवाज दबाने का आरोप भी लगाया। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के प्रश्न पर हरीश रावत ने कहा कि अगर 2027 के चुनाव में जनता कांग्रेस को जनमत देगी, तो कांग्रेस गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाएगी।
निकाय चुनाव में हो रही देरी पर भी हरीश रावत ने भाजपा सरकार को घेरा। कहा कि सरकार चुनाव कराने से डर रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा से पारित निकायों से संबंधित विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजने का निर्णय सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।