नवीन चौहान.
प्रदेश के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत बदरीनाथ आरती के रचियता के पैतृक घर सतेराखाल पहुंचे। यहां उन्होंने बदरीनाथ आरती के रचियता के परिजनों से मुलाकात की। स्थानीय जनता ने पूर्व सीएम का यहां पहुंचने पर फूल माला और ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया।
पूर्व सीएम ने बताया कि बदरीनाथ जी की आरती के लेखक को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी, लेकिन चार साल पहले सतेराखाल स्यूपुरी निवासी बर्तवाल परिवार का नाम सामने आया। जब इस बारे में पूरी जांच पड़ताल की गई तो धनसिंह बर्तवाल का नाम आरती रचियता के रूप में सामने आया। उन्होंने वर्ष 1881 में इस आरती की रचना की थी। उन्होंने बताया कि कार्बन डेटिंग और अन्य दस्तावेजों के आधार पर उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान इस पर मुहर लगायी गई।
उन्होंने कहा कि हमारी सनातनी परंपराएं गर्व का विषय है, आने वाले समय में इनके संरक्षण के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। इस दौरान आरती की पांडुलिपि के शोध कर्ता महेंद्र सिंह बर्तवाल ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार व्यक्त किया।