नवीन चौहान, हरिद्वार। जिलाधिकारी दीपक रावत का स्वास्थ्य इन दिनों खराब चल रहा है। इस बीमारी की हालत में जनपद की जिम्मेदारी के साथ निकाय चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से निविघ्न संपन्न कराने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उनके कंधों पर है। इसके बावजूद स्ट्रोन क्रेशरों पर छापेमारी कर उन्होंने अपने कर्तव्य धर्म का पालन किया है। इस छापेमारी से प्रदेश सरकार को लाखों के राजस्व की प्राप्ति होगी। इस राजस्व से प्रदेश के सैंकड़ों गरीबो का फायदा होगा।
हरिद्वार जनपद में 18 नवंबर को निकाय चुनाव होने है। जिसके बाद मतगणना का कार्य होगा। जिलाधिकारी दीपक रावत सहित पूरा प्रशासनिक अमला निकाय चुनाव को निष्पक्ष तरीके से सकुशल संपन्न कराने की तैयारियों में जुटा है। इसके अलावा जनपद के तमाम विभागीय कार्य भी पुरानी रफ्तार से चल रहे है। डीएम दीपक रावत की व्यस्तता इन दिनों कुछ ज्यादा बढ़ गई है। इसी बीच बदलते मौसम ने भी डीएम दीपक रावत को अपनी चपेट में ले लिया। वह खांसी और बुखार से जूझ रहे है। डीएम की व्यस्तता खनन माफियाओं को खूब रास आई। खनन माफियाओं ने चांदी काटनी शुरू कर दी। डीएम दीपक रावत को अवैध खनन की सूचना मिली तो खराब स्वास्थ्य की हालत में भी वह एसडीएम मनीष कुमार सिंह और तहसीलदार सुनैना राणा व प्रशासनिक टीम को लेकर स्ट्रोन क्रेशरों पर छापा मारने निकल पड़े। डीएम की इस छापेमारी की कार्रवाई पूरी तरह से गोपनीय रही। जिसके बाद डीएम ने ताबड़तोड़ तरीके से अवैध खनन का माल स्ट्रोक करने वाले क्रेशरों को सीज कर दिया। देर रात्रि तक चली इस कार्रवाई में करीब एक दर्जन क्रेशर लपेटे में आ गये। जिनको सीज कर दिया गया हैं। इन सीज क्रेशरों से वसूले जाने वाले जुर्माने से उत्तराखंड सरकार के राजस्व में इजाफा होगा। जो जनहित के कार्यो में खर्च होगा। बताते चले कि खनन माफिया पुलिस और प्रशासन की व्यस्तताओं का पूरा फायदा उठाते है। लेकिन इस बार डीएम ने छापेमारी कर माफियाओं को करारा झटका दिया है।